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बिहार: मनोज झा के समर्थन में लालू यादव, पार्टी की तरफ से चेतन आनंद को मिली हिदायत

पटना। गुरुवार को राजद सुप्रीमों लालू यादव ने मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा कि मनोज झा बहुत विद्वान आदमी हैं। वहीं आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने भी मनोज झा कि कविता को अपने शब्दों में सुनाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मनोज झा के समर्थन में आए लालू यादव RJD […]

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Manoj Jha Row
  • September 29, 2023 10:34 am IST, Updated 2 years ago

पटना। गुरुवार को राजद सुप्रीमों लालू यादव ने मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा कि मनोज झा बहुत विद्वान आदमी हैं। वहीं आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने भी मनोज झा कि कविता को अपने शब्दों में सुनाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

मनोज झा के समर्थन में आए लालू यादव

RJD सांसद मनोज झा को लेकर इस समय काफी विवाद चल रहा है। बता दें कि सदन में उनके द्वारा पढ़ी गई कविता के बाद से ही ये बवाल मचा हुआ है। इस बीच गुरुवार को पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है। लालू यादव ने कहा था कि मनोज झा बहुत विद्वान आदमी हैं। वह सही बात बोले हैं और उन्होंने ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं बोला है। वहीं अब RJD ने ‘ठाकुरों’ वाली कविता का मतलब दूसरे तरीके से तंज कसते हुए बताया है।

चेतन आनंद और आनंद मोहन को हिदायत

बता दें कि RJD, मनोज झा के समर्थन में है। यहीं नहीं मनोज झा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से वाई सुरक्षा की मांग भी कर दी गई है। अब पार्टी की ओर से RJD के विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन को हिदायत देते हुए कहा है कि बिना सोचे समझे कुछ न बोला करें। आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी मनोज झा के साथ मजबूती से खड़ी है। मनोज ने ठाकुरों को लेकर कुछ भी गलत नहीं बोला है। ऋषि मिश्रा ने कहा कि मनोज झा के 12 मिनट 36 सेकेंड के बयान को कई बार हमने सुना है इसमें कुछ गलत नहीं है। ऋषि मिश्रा ने आगे कहा कि ब्राह्मणों के वोट से जीतकर कई राजपूत विधायक सांसद बने हैं। उन्होंने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि मनोज झा की हत्या की जा सकती है। उन्हें लगातार धमकी दी जा रही है। कोई कह रहा गर्दन काट देंगे, कोई कह रहा जीभ खींच देंगे। इन सब के कारण ब्राह्मणों में डर का माहौल है।

सुनिए ऋषि मिश्रा की कविता

बताया जा रहा है कि ऋषि मिश्रा ने उसी कविता के स्टाइल में ही मनोज झा की बातों को समझाते हुए कहा कि घमंडी केंद्र सरकार से मनोज झा पूछ रहे थे कि रोटी अहंकारी का, आटे का टैक्स अहंकारी का, अर्थव्यवस्था की मूठ पर हथेली अपनी, अर्थव्यवस्था अहंकारी का, रेलवे अहंकारी का, एयरपोर्ट अहंकारी का, बंदरगाह अहंकारी का, बैंक-एलाईसी अहंकारी के, ईडी-सीबीआई अहंकारी के, फिर अपना क्या?


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