बिहार: सांसद मनोज झा को Y श्रेणी सुरक्षा देने की मांग, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा गया पत्र

पटना। सांसद मनोज झा के खिलाफ लगातार विरोध किया जा रहा है। इसकी वजह से आरजेडी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मनोज झा के लिए सुरक्षा की मांग की है. मनोज झा की सुरक्षा के लिए लिखा पत्र राज्यसभा सांसद मनोज झा के द्वारा सदन में बयान को लेकर […]

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बिहार: सांसद मनोज झा को Y श्रेणी सुरक्षा देने की मांग, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा गया पत्र

Nidhi Kushwaha

  • September 28, 2023 1:38 pm IST, Updated 1 year ago

पटना। सांसद मनोज झा के खिलाफ लगातार विरोध किया जा रहा है। इसकी वजह से आरजेडी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मनोज झा के लिए सुरक्षा की मांग की है.

मनोज झा की सुरक्षा के लिए लिखा पत्र

राज्यसभा सांसद मनोज झा के द्वारा सदन में बयान को लेकर घमासान मच हुआ है। वहीं अब इसे लेकर आरजेडी की तरफ से मनोज झा के लिए Y श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस संबंध में पत्र लिखा है। आरजेडी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर कई पार्टियों के नेता अब तक धमकी दे चुके हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आरजेडी ने मनोज झा को Y श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग की है।

इस मामले पर मचा है बवाल

आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा के द्वारा महिला आरक्षण बिल पर बोलने के दौरान सुनाई गई कविता के कारण बिहार में सियासी बवाल मचा हुआ है। सदन में मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता पढ़ी थी जिसकी वजह से मनोज झा निशाने पर आ गए हैं। वहीं पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र और आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने अपनी ही पार्टी के सांसद मनोज झा को लेकर फेसबुक पर खरी-खोटी सुना दी है।

चेतन आनंद ने दी थी चेतावनी

आरजेडी के विधायक चेतन आनंद ने सोशल मीडिया एक्स पर मनोज झा को चेतावनी देते हुए लिखा था कि हम ‘ठाकुर हैं,सबको साथ लेकर चलते हैं। समाजवाद में किसी एक जाति को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं, जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे। जिसके बाद बीजेपी के विधायक नीरज कुमार बबलू और जेडीयू के एमएलसी संजय सिंह ने भी संसद मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध किया।

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