पटना। सांसद मनोज झा ने सदन में जो कविता सुनाई थी उस पर विरोध बढ़ गया है। विधायक चेतन आनंद के बाद अब बीजेपी और जेडीयू के नेता संजय सिंह भी उनका विरोध कर चुके हैं। मनोज झा के बयान से मचा घमासान आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा के द्वारा हाल ही में […]
पटना। सांसद मनोज झा ने सदन में जो कविता सुनाई थी उस पर विरोध बढ़ गया है। विधायक चेतन आनंद के बाद अब बीजेपी और जेडीयू के नेता संजय सिंह भी उनका विरोध कर चुके हैं।
आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा के द्वारा हाल ही में महिला आरक्षण बिल पर बोलने के दौरान सुनाई गई कविता के कारण बिहार में सियासी बवाल मच गया है। मनोज झा के खिलाफ आरजेडी के विधायक चेतन आनंद ने तो मोर्चा खोला ही साथ में बीजेपी के अलावा जेडीयू के भी नेताओं ने विरोध किया है। अब इन सब के बीच राजनीतिक जानकार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस पर अपना बयान जारी किया है।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर इस मामले में अपना बयान देते हुए कहा कि ये कैसे संभव है कि उनका (आरजेडी) मंत्री बयान दे रहा है और तेजस्वी यादव को पता नहीं है? आपको लगता है कि आरजेडी में कोई मंत्री बार-बार बयान दे देगा और पता नहीं चलेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि सुधाकर सिंह ने बयान दिया तो कितने दिन मंत्रालय में रहे? वो जगदानंद सिंह के लड़के हैं, इसके बावजूद उनको पद छोड़ना पड़ा था। ये दलगत मामला है, ये दल वाले लोग ही उनसे कहलवाते हैं। जहां तक बात है कि उस विषय को कहना चाहिए या नहीं, तो ये कोई भी आदमी बता सकता है कि भाई आप उल-जुलूल अनर्गल बात पार्टी के कहने पर, पार्टी के नेताओं के कहने पर ही कहें।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ये सब पार्टी वाले लोग ही करवाते हैं , आप बयान दीजिए ताकि समाज में विद्वेष बढ़े, आपस में मारपीट हो, आपस में झगड़ा-लड़ाई हो, वाद-विवाद हो और पत्रकार भी उसी में पड़ जाएं। वहीं जो मूल विषय है पढ़ाई का, विकास का, रोजगार का, वो चला जाए हाशिए पर इसलिए अपने नेताओं को, अपने मंत्रियों को भी सलाह देनी चाहिए और सबसे पहले तो खुद मानना चाहिए, फिर भी उन पर कार्रवाई नहीं होती है।
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