पटना। प्रदेश के नवादा में हाल ही में सड़क दुर्घटना और तालाब में डूबने से मौत कुछ लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि मंगलवार को जमुई सांसद चिराग पासवान पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। पीड़ित परिवारों से मिले चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और […]
पटना। प्रदेश के नवादा में हाल ही में सड़क दुर्घटना और तालाब में डूबने से मौत कुछ लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि मंगलवार को जमुई सांसद चिराग पासवान पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे।
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को नवादा का दौरा किया। इस दौरान वह हाल ही में हुए सड़क हादसे और डूबने से जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। बताया जा रहा है कि इस दौरान पीड़ित परिवार के लोग चिराग पासवान को देखते ही उनके गले से लिपटकर रोने लगा। इसे देखकर चिराग पासवान भी भावुक हो गए। इस दौरान मृतकों के आश्रितों को मुआवजा नहीं दिए जाने पर सांसद चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने पर मुख्यमंत्री पीड़ित परिवार से मिलने नहीं जाते हैं। किसी का दुख बांटने के लिए नहीं पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि कम से कम सीएम प्रशासन को इतना तो मुस्तैद रखें कि पीड़ित परिवार को समय पर मुआवजा मिल सके।
बताया जा रहा है कि चिराग पासवान सबसे पहले सदर प्रखंड के भदौनी बेलदरिया गए थे। यहां सड़क दुर्घटना में मृत युवक समीर कुमार, आकाश कुमार, प्रहलाद कुमार के परिवार से उन्होंने मुलाकात की। इस दौरान पीड़ित परिवारो ने बताया कि अभी तक उन्हें सरकारी मुआवजा नहीं मिला है। इस पर चिराग पासवान ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि घटना और दुखद हो जाती है जब उसमें लापरवाही बरती जाती है। 10-12 दिन बाद भी सरकारी मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि घर का खाने-खिलाने वाला आदमी इस दुनिया से चला गया। ऐसी स्थिति में राहत की राशि देने में विलंब होना बिल्कुल गलत है। यहीं नहीं चिराग पासवान ने आगे कहा कि हम तीनों परिवार के सभी बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेते हैं।
चिराग पासवान पीड़ित परिवार से मिलने के बाद वारिसलीगंज प्रखंड के गंभीरपुर गए। बता दें कि यहां डूबने से चार युवकों की मौत हुई थी। चिराग पासवान ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि तालाब में एक स्थान पर बीस फीट गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया, जबकि पूरे तालाब को डेढ़ फीट गड्ढा खोदा गया है। अगर वहां पर गड्ढा नहीं होता तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती। बता दें कि यहां भी पीड़ित परिवार को अब तक मुआवजा नहीं मिला है।