बिहार: RJD सांसद मनोज झा पर भड़के चेतन आनंद, फेसबुक पर पोस्ट कर किया विरोध

पटना। सदन में मनोज झा के द्वारा महिला आरक्षण पर दिए गए बयान का चेतन आनंद ने विरोध करते हुए एक पोस्ट किया है। बताया जा रहा है कि मनोज झा ने सदन में एक कविता के जरिए टिप्पणी की थी जिसपर ने नाराज़गी जाहिर की है। मनोज झा ने सदन में दी थी टिप्पणी […]

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बिहार: RJD सांसद मनोज झा पर भड़के चेतन आनंद, फेसबुक पर पोस्ट कर किया विरोध

Nidhi Kushwaha

  • September 27, 2023 5:54 am IST, Updated 1 year ago

पटना। सदन में मनोज झा के द्वारा महिला आरक्षण पर दिए गए बयान का चेतन आनंद ने विरोध करते हुए एक पोस्ट किया है। बताया जा रहा है कि मनोज झा ने सदन में एक कविता के जरिए टिप्पणी की थी जिसपर ने नाराज़गी जाहिर की है।

मनोज झा ने सदन में दी थी टिप्पणी

RJD सांसद मनोज झा का उनकी अपनी ही पार्टी के लोग विरोध कर रहे हैं। बता दें कि मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल में SC -ST और OBC कैटेगरी की महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करते हुए सदन में टिप्पणी की थी। जिसके बाद आनंद मोहन के बेटे और RJD विधायक चेतन आनंद ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वहीं अब मंगलवार को चेतन आनंद ने फेसबुक पर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा है कि वह मनोज झा के विचारों का विरोध करते हैं।

चेतन आनंद ने मनोज झा पर निकाली भड़ास

चेतन आनंद ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है कि – हम “ठाकुर” हैं साहब !! सबको साथ लेकर चलते हैं ! इतिहास में सबसे अधिक बलिदान हमारा है ! चेतन आनंद ने आगे लिखा कि समाजवाद में किसी एक जाती को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं ! जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे !! और आखिरी में चेतन आनंद ने लिखा की #माननीयसंसदश्रीमनोजझाकेविचारोंकापुरजोर_विरोध!”

यह था मनोज झा का बयान

बता दें कि सदन में महिला आरक्षण बिल पर अपनी बात रखते हुए RJD सांसद मनोज झा ने कहा था कि इस बिल को दया भाव की तरह पेश किया जा रहा है। यहीं नहीं उन्होंने कहा था कि दया कभी अधिकार की श्रेणी में नहीं आ सकता है। वहीं अंत मे उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़ी थी। वह कविता थी कि “चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का। भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की। कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?” बताया जा रहा है कि चेतन आनंद ने फेसबुक पर मनोज झा के इन्हीं विचारों का पुरजोर विरोध किया है।

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