पटना। बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने RJD सुप्रीमो लालू यादव के अपने सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट पर उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया है। प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि बिहार में एक यह भी कहावत है कि ‘सूप दुसता है चलनी को, जिसमें कई छेद। जाति जनगणना पर उठ रहे सवाल […]
पटना। बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने RJD सुप्रीमो लालू यादव के अपने सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट पर उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया है। प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि बिहार में एक यह भी कहावत है कि ‘सूप दुसता है चलनी को, जिसमें कई छेद।
प्रदेश में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट को लेकर कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार इन सवालों का खंडन करते हुए रिपोर्ट को सही बता रही है। बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधाते हुए कहा था कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा। अब लालू यादव की इस प्रतिक्रिया पर बीजेपी ने भी उन्हीं के अंदाज में पलटवार किया है।
दरअसल लालू यादव के ट्वीट के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि लालू यादव की यह बात सही है कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा, लेकिन बिहार में एक यह भी कहावत है कि ‘सूप दुसता है चलनी को, जिसमें कई छेद। ‘ यहीं नहीं प्रभाकर मिश्रा ने लालू यादव से यह सवाल भी किया कि आपने अपने समय में जातीय गणना क्यों नहीं करवाई? प्रभाकर मिश्रा ने लालू पर तंज कसते हुए कहा कि आपने तो 15 साल बिहार में शासन किया। केंद्र में मनमोहन सिंह की 10 साल की सरकार थी उसमें आप मंत्री थे। उस वक्त आपको जातीय गणना की याद क्यों नहीं आई? आप इतना लेट क्यों कर दिए? जातीय गणना की शुरुआत एनडीए के शासनकाल में हुई है। अब आपका जनाधार खिसक रहा है तो जातीय गणना की बात आप कर रहे हैं।
बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ हेैं। ऐसे लोगों में रत्ती भर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है। किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्याय करने वाली प्रवृत्ति के होते हैं। ये जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का अधिकार छीनकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैं। अंत में लालू यादव ने लिखा था कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।