पटना। बिहार में शिक्षा विभाग खुद अपनी एजेंसी का गठन करने जा रहा है। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने हाल में समीक्षा बैठक में इस पर सहमति दी है। शिक्षा विभाग की अपनी एजेंसी राष्ट्रीय सूचना केंद्र की तर्ज पर शिक्षा विभाग खुद अपनी एजेंसी का गठन करेगा। बताया जा […]
पटना। बिहार में शिक्षा विभाग खुद अपनी एजेंसी का गठन करने जा रहा है। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने हाल में समीक्षा बैठक में इस पर सहमति दी है।
राष्ट्रीय सूचना केंद्र की तर्ज पर शिक्षा विभाग खुद अपनी एजेंसी का गठन करेगा। बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि विभागीय संचिकाओं और उनसे संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हों। अब इस संबंध में शिक्षा विभाग के स्तर से सैद्धांतिक सहमति बन गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने हाल ही में समीक्षा बैठक के दौरान इस पर मुद्दे पर सहमति दी है। उन्होंने समीक्षा द्वारा पाया कि एनआईसी के पास विभागीय फाइलें काफी लंबित हैं। इससे विभाग में कामकाज की क्षमता प्रभावित हो रही है। इसलिए उन्होंने अपने अधीनस्थ अफसरों से कहा कि इस दिशा में काम किया जाए।
दरअसल, शिक्षा विभाग अपना डेटा और फाइलें सुरक्षित रखने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म भी तैयार कर रहा है। यहीं नहीं इसके लिए साफ्टवेयर भी बनाया जा रहा है। इस तरह शिक्षा विभाग एनआइसी से हटकर अपना खुद का पोर्टल गठित करेगा। हालांकि ऐसा करने वाला शिक्षा विभाग बिहार सरकार का पहला महकमा होगा।
इसके अलावा राज्य में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी शिकायतों को लेकर भी सरकार एक्शन मोड में दिखाई दे रही है। इस दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सभी जिला और प्रखंड मुख्यालय में शिक्षा कार्यालयों में आए जनशिकायतों पर निगरानी रखी जा रही है। बता दें कि यहां कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के अंतर्गत 38 जिलों के लिए एक-एक कॉल सेंटर भी संचालित है, जहां राज्य के किसी भी जगह से कोई भी शिक्षक, अभिभावक और छात्र कॉल द्वारा अपनी शिकायत बता सकता है।