पटना। रविवार से परिवहन विभाग ने बिहार स्वच्छ ईंधन चालित (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर किया है। बताया जा रहा है कि अब राजधानी पटना में डीजल वाहन परिचलन करते नज़र नहीं आएंगे। आज से व्यावसायिक और डीजल वाहनों पर रोक राजधानी पटना के ट्रैफिक में रविवार (1 अक्टूबर) से […]
पटना। रविवार से परिवहन विभाग ने बिहार स्वच्छ ईंधन चालित (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर किया है। बताया जा रहा है कि अब राजधानी पटना में डीजल वाहन परिचलन करते नज़र नहीं आएंगे।
राजधानी पटना के ट्रैफिक में रविवार (1 अक्टूबर) से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। बता दें कि पटना में अब कोई भी डीजल वाहन चलते नजर नहीं आएगा। डीजल से चलने वाली बसें पटना, फुलवारी शरीफ, खगौल और दानापुर में नहीं चला करेंगी। इसके अलावा गया और मुजफ्फरपुर में भी आज रात से 15 साल पुराने सभी तरह के व्यावसायिक वाहनों और डीजल से चलने वाले ऑटो के परिचालन पर रोक लगा दिया जाएगा।
बता दें कि परिवहन विभाग की तरफ से इसी साल मार्च महीने में अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें 1 अक्टूबर से सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों का ही परिचालन करने के बारे में बताया गया था। इस मामले में पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने इसका ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि अधिसूचना के अनुसार, 30 सितंबर की रात से पटना नगर निगम, खगौल, दानापुर और फुलवारी शरीफ में डीजल चालित बसों के परिचलन पर रोक लगा दी जाएगी। डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि इससे कार्बन संबंधित गैसों के उत्सर्जन में 20 प्रतिशत की कमी आएगी।
बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से ये ऐलान किया गया है कि डीजल बसों की जगह सीएनजी बसें खरीदने के लिए बस संचालकों को अब नए सीएनजी वाहन की शोरूम कीमत का 30 प्रतिशत या अधिकतम साढ़े सात लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यहीं नहीं पहले से स्वीकृत परमिट पर ही नए वाहन के प्रतिस्थापन की स्वीकृति दी जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने बिहार स्वच्छ ईंधन चालित यानी सिटी बस प्रोत्साहन योजना को तत्काल लागू कर दिया है। बता दें कि सीएनजी बस की कीमत डीजल बसों से ज्यादा है, लेकिन ये 30 प्रतिशत तक ज्यादा बचत करेगी। वहीं प्रतिबंधित वाहनों के लिए स्क्रैपिंग प्लांट का निर्माण किया जा रहा है जहां इन गाड़ियों को नष्ट कर दिया जाएगा।