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Maharana Pratap Jayanti: महाराणा प्रताप जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जारी किया वीडियो संदेश, किया नमन

पटना। आज 9 मई ( गुरुवार ) देश भर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती (Maharana Pratap Jayanti) मनाई जा रही है। पूरे देश में उनके सम्मान में कई समारोह आयोजित किए जाएंगे। ये महाराणा की वीरता ही थी कि करीब 500 सालों बाद भी वह भारत के लोगों के दिलों में बसे हुए […]

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Maharana Pratap Jayanti
  • May 9, 2024 7:04 am IST, Updated 11 months ago

पटना। आज 9 मई ( गुरुवार ) देश भर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती (Maharana Pratap Jayanti) मनाई जा रही है। पूरे देश में उनके सम्मान में कई समारोह आयोजित किए जाएंगे। ये महाराणा की वीरता ही थी कि करीब 500 सालों बाद भी वह भारत के लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। बता दें कि इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य दिग्गजों ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें नमन किया है।

पीएम मोदी ने जारी किया वीडियो संदेश

वहीं पीएम मोदी ने महाराणा प्रताप की जयंती (Maharana Pratap Jayanti) पर एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने इस वीडियो में कहा, उस नाम में क्या जादू होगा उस व्यक्तित्व में क्या ताकत है कि आज भी महाराणा प्रताप का नाम लेते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वो कैसा जीवन जी गए होंगे, किस प्रकार से जीवन को खपाया होगा कि 400 साल के बाद भी राणा प्रताप का नाम लेते ही जवानी उमड़ पड़ती है। वो कौन सा सामर्थ्य है, वो जीवन कि कौन सी आहूति है जो आज भी हमें प्रताप दे रही है। आगे का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

पीएम मोदी ने वीडियो में आगे कहा कि हमें ये सोचना होगा कि क्या कारण है कि महाराणा प्रताप का नाम लेते सिर झुकाने का मन करता है। हम उस परंपरा के हैं जो किसी को छेड़ते नहीं लेकिन किसी ने छेड़ा तो उसे छोड़ते भी नहीं। घास की रोटी खा सकते हैं लेकिन आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते है। ये संस्कार महाराणा प्रताप ने हमें दिए हैं।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के बारे में

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ के किले में हुआ था। महाराणा प्रताप मेवाड़ के राणा उदय सिंह और महारानी जयवंता बाई के पुत्र थे। साल 1572 में अपने पिता की मृत्यू के बाद महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की राजगद्दी संभाली थी। इसके बाद उन्होंने कई सालों तक मुगलों और अकबर की सेना से लोहा लिया था। वहीं एक समय ऐसा भी आया जब महाराणा प्रताफ को जंगल मे रहकर अपने दिन गुजारने पड़े। इस दौरान उन्होंने घास की रोटी खाई लेकिन अकबर के सामने नहीं झुके।


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