पटना। बिहार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। परिवहन विभाग लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए सरकार जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बना रही है। राजमार्गों पर हर 10-15 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन बनाए गए है। शहरों में भी पेट्रोल पंप, बस स्टैंड, स्कूल-कॉलेज जैसी जगहों […]
पटना। बिहार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। परिवहन विभाग लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए सरकार जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बना रही है। राजमार्गों पर हर 10-15 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन बनाए गए है। शहरों में भी पेट्रोल पंप, बस स्टैंड, स्कूल-कॉलेज जैसी जगहों पर चार्जिंग पॉइंट बनाए गए है।
वर्तमान में 360 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन पर काम किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि एक साल में 1000 नए चार्जिंग स्टेशन लगाए जाए। सरकारी दफ्तरों में भी चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। निजी जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने वालों को सरकारी मदद मिलेगी। दरअसल, बिहार सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। इसलिए चार्जिंग स्टेशन की जरूरत को समझते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। लंबी यात्राओं में EV चलाने वालों को कोई दिक्कत न हो, इसलिए हाईवे पर जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे है।
शहरों में भी ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट लगाने की योजना है। इससे लोगों को EV चार्ज करने में सहूलियत मिलेगी। इसको लेकर परिवहन विभाग ने सभी जिलों को निर्देश भेज दिए हैं। जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है। सरकार ने एक साल में 1000 चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस साल के आखिर में यह काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है। जरूरी जगहों पर सबसे पहले चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
माना जा रहा है कि इससे EV का इस्तेमाल बढ़ेगा और प्रदूषण में कमी आएगी। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग EV अपनाए ताकि पर्यावरण को फायदा हो। इतना ही नहीं, सभी सरकारी दफ्तरों में चार्जिंग स्टेशन लगाने का फैसला किया गया है। इससे सरकारी कर्मचारी और आम लोग भी आसानी से अपनी EV चार्ज कर सकेंगे।