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ईटी गवर्मेंट डिजिटेक अवॉर्ड 2025 में बजा बिहार का डंका, स्मार्ट मीटर के लिए मिला स्वर्ण सम्मान

पटना। बिहार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर तकनीक के बेहतर क्रियान्वयन के लिए दी इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा नई दिल्ली में ईटी गवर्मेंट डिजिटेक अवॉर्ड 2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार को स्वर्ण पुरस्कार से नवाज़ा गया। राज्य की विशेष पहल, ‘बिहार-प्राउड टॉर्च बियरर ऑफ यूनिवर्सल स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग फॉर दी नेशन’ को जूरी […]

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Government Digitech Award 2025
  • March 19, 2025 11:13 am IST, Updated 1 minute ago

पटना। बिहार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर तकनीक के बेहतर क्रियान्वयन के लिए दी इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा नई दिल्ली में ईटी गवर्मेंट डिजिटेक अवॉर्ड 2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार को स्वर्ण पुरस्कार से नवाज़ा गया। राज्य की विशेष पहल, ‘बिहार-प्राउड टॉर्च बियरर ऑफ यूनिवर्सल स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग फॉर दी नेशन’ को जूरी द्वारा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लीडर इन पब्लिक सेक्टर में गोल्ड कैटेगरी में अवार्ड मिला।

बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना

ऊर्जा विभाग के सचिव सह सीएमडी बीएसपीएचसीएल पंकज कुमार पाल ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग को राज्य भर में लागू करने का लक्ष्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना, बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और ऊर्जा प्रबंधन को अधिक कुशल बनाना था। इस पहल की सफलता के पीछे व्यापक प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके तहत उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के लाभ मिले।

ग्रामीण इलाकों में चेक मीटर लगाए गए

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में चेक मीटर लगाए गए ताकि उपभोक्ता खुद इसकी जांच कर सके। डिजिटल और स्मार्ट मीटर में कोई फर्क नहीं है। सभी सरकारी भवनों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। स्कूल और कॉलेजों में मीटर के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। जीविका दीदियों ने घर-घर जाकर गांवों में लोगों को स्मार्ट मीटर की खासियत के बारे में लोगों को बताया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, मेले में स्टाल लगा कर लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदों के बारे में अवगत कराया।

लाखों ग्राहकों को मिला फायदा

ऊर्जा सचिव ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की यह दूरदर्शी पहल माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और मजबूत इच्छाशक्ति का ही नतीजा है। माननीय ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में इस योजना पर काम किया गया। साल 2019 में गया जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को आरंभ किया गया ताकि उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग की समस्या से राहत मिले। बिजली बिल का पारदर्शी रिकॉर्ड बने। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू किया गया। अब लाखों ग्राहकों को इसका फायदा मिल रहा है।


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