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हवाई यात्रा के मामले में तेजी से विकास कर रहा बिहार, 2 दशक में 6 से 17 गुना बढ़ी आवाजाही

पटना। बिहार की गिनती पिछड़े राज्यों में की जाती थी। यहां के लोगों के लिए विमान का सफर करना मुश्किल काम होता था, लेकिन पिछले दो दशकों में बिहार में कई बड़े बदलाव हुए हैं। प्रदेश में हवाई सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। प्रदेश में हवाई संपर्क, बुनियादी ढांचे और आर्थिक गतिविधियों […]

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bihar airport
  • March 21, 2025 10:47 am IST, Updated 1 week ago

पटना। बिहार की गिनती पिछड़े राज्यों में की जाती थी। यहां के लोगों के लिए विमान का सफर करना मुश्किल काम होता था, लेकिन पिछले दो दशकों में बिहार में कई बड़े बदलाव हुए हैं। प्रदेश में हवाई सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। प्रदेश में हवाई संपर्क, बुनियादी ढांचे और आर्थिक गतिविधियों में जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है।

हवाई यातायात में मजबूत स्थिति

राज्य अब हवाई यातायात के मानचित्र पर कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। बता दें कि साल 2005 में बिहार में केवल पटना और गया हवाई अड्डों से प्लेन उड़ाने भरते थे। आंकड़ों पर नजर डालें, तो साल 2005-06 में बिहार के हवाई अड्डों से कुल 4,788 उड़ानों को संचालित किया था। इस दौरान लगभग 2.48 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी। वहीं, 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 29,614 उड़ानों की आवाजाही का हो गया। इस बीच 42.86 लाख यात्रियों ने प्लेन से यात्रा की थी। यह आकंड़ा लगभग 6 गुना और 17 गुना की वृद्धि को दर्शाता है।

टर्मिनल भवन का कार्य जारी

यह वृद्धि बिहार में हवाई कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास को दर्शाता है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मार्गदर्शन और समन्वय में कार्य कर रही है। राज्य संसाधनों से हवाई अड्डों के विस्तार के लिए जमीन मुहैया कराई जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) आवश्यक बुनियादी ढांचे, जिसमें टर्मिनल भवन भी शामिल हैं, का विकास कार्य जारी है। हमारा संकल्प है कि राज्य में कोई भी स्थान हवाई अड्डे से 200 किलोमीटर से ज्यादा दूर न हो।”

दरभंगा सिविल हवाई अड्डा

दरभंगा सिविल एन्क्लेव, प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण हवाई अड्डा है। यह भारतीय वायु सेना के स्टेशन में स्थित है। इस हवाई अड्डे से उड़ानों की शुरुआत 8 नवंबर 2020 को हुई। इसे केंद्र सरकार की उड़ान (UDAN) योजना के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य देश के छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ना था। शुरुआत में दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें भरी गईं। पहले ही साल में यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और यह एयरपोर्ट बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों में शामिल हो गया।

दरभंगा एयरपोर्ट अहम हवाई केंद्र

साल 2023-24 में यहां से 3,335 उड़ानों की आवाजाही हुई, जिसे 5.26 लाख से ज्यादा यात्रियों ने यात्रा की, जो इसके तेज विकास को दर्शाता है। आज दरभंगा एयरपोर्ट मिथिलांचल और उत्तर बिहार के लोगों के लिए एक अहम हवाई संपर्क केंद्र बन चुका है।


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