पटना: विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व माना जाता है। इसे हम विश्वकर्मा जयंती व विश्वकर्म दिवस भी कहते हैं। यह दिन ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार श्री विश्वकर्मा को समर्पित है। इस दिन लोग अपने वाहनों, मशीनों, औजारों, स्पेयर पार्ट्स, दुकानों आदि की पूजा करते हैं। साथ ही, घर पर भी विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं। इस त्योहार की तारीख को लेकर आपके मन में काफी भ्रम है, जिसे आज हम दूर कर देंगे।
कब मनाएं विश्वकर्मा पूजा?
वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष कन्या संक्रांति, जो कि विश्वकर्मा पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, 16 सितंबर को है। इस दिन सूर्य देव शाम 07:53 बजे कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. परिवर्तन के समय को कन्या संक्रांति कहा जाता है।हिंदू धर्म में किसी भी व्रत के लिए उदया तिथि को माना जाता है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा इस बार 17 सितंबर यानी मंगलवार को मनाई जाएगी.
ये है पूजा मुहूर्त
विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर के दिन सुबह 06:07 बजे से 11:44 बजे तक कर सकते हैं। ये समय पूजा लिए शुभ है।
विश्वकर्मा पूजा करने के नियम
अपने कार्यस्थल को साफ़ करें और फूलों से सजाएं। पूजा करने से पहले सभी पूजा करने की उपकरणों पर कुमकुम लगाएं और फूल आदि चढ़ाएं, फिर दीपक दिखाएं। साथ ही भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा करें। इस दिन तामसिक भोजन करने से बचें।
इन नियमों के साथ करें पूजा
इस दिन किसी से उलझे नहीं। भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद लेने के लिए मिठाई, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाएं। भगवान विश्वकर्मा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। गरीबों की मदद करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए भगवान के सामने हाथ जोड़कर क्षमा मांगे।