Varuthini Ekadashi 2024: कब रखें वरुथिनी एकादशी व्रत? दो दिन बन रहे संयोग

पटना: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. वैशाख माह चल रहा है, ऐसे में लोगों को एकादशी तिथि को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। बता दें कि बैसाख माह की एकादशी व्रत को लोग वरुथिनी एकादशी व्रत के नाम से जानते हैं। इस बीच तिथि को लेकर लोगों में आशंका देखा […]

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Varuthini Ekadashi 2024: कब रखें वरुथिनी एकादशी व्रत? दो दिन बन रहे संयोग

Shivangi Shandilya

  • May 2, 2024 8:10 am IST, Updated 8 months ago

पटना: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. वैशाख माह चल रहा है, ऐसे में लोगों को एकादशी तिथि को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। बता दें कि बैसाख माह की एकादशी व्रत को लोग वरुथिनी एकादशी व्रत के नाम से जानते हैं। इस बीच तिथि को लेकर लोगों में आशंका देखा जा रहा है। वहीं तमाम ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस वर्ष वरुथिनी एकादशी व्रत 4 मई के दिन मनाई जाएगी। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा विशेष तौर पर करते है। तो ऐसे में चलिए जानते है इस दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

हर माह के दोनों पक्षों में मनाई जाती है एकादशी

सनातन धर्म के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों में एकादशी मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान विष्णु का पूजा पाठ कर उपवास रखते हैं। चार मई को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकदाशी है. जिसे हम वरुथिनी एकादशी के नाम से भी जानते है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना का अधिक महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन विष्णु का नाम मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन भक्त श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए विष्णु पाठ करते है. ऐसे में इस तिथि पर कौन सी शुभ समय माना गया है, इससे जानते है।

ये हैं पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल एकादशी का व्रत 4 मई को है. माना जाता है कि इस दिन लोग धन से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए वरुथिनी एकादशी का व्रत रखते है. इस साल यह तिथि की शुरुआत 3 मई रात 11:24 से होगा जो अगले दिन 4 मई रात 8:38 पर खत्म होगा। इस तिथि पर व्रत और दान-पुण्य करना अति शुभ माना गया है. तो चलिए जानते है इस तिथि का शुभ मुहूर्त और इस तिथि पर क्या करें और क्या नहीं करें।

ये कार्य जरूर करें

  • इस दिन तुलसी पूजन करना बेहद ही शुभ माना जाता है। तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
  • इस तिथि पर राहगीरों को पानी पिलाना भी अति शुभ माना गया है.
  • इस दिन पशुओं और पक्षियों को दाना खिलाएं।
  • वस्त्र और भोजन दान करें।
  • फल का दान करना अति शुभ होता है।

ये कार्य करने से बचे

  • इस तिथि पर तामसिक भोजन करने से बचें।
  • व्रत के दौरान भोजन और पानी पिने से बचें।
  • तिथि समाप्त होने पर ही व्रत का पारण करें।
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