पटना। हिंदू धर्म में माघ माह में आने वाली सकट चौथ का बहुत महत्व होता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन माताएं अपनी संताने की लंबी उम्र और सफलता के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी आज मनाया जा रहा है। सकट चौथ […]
पटना। हिंदू धर्म में माघ माह में आने वाली सकट चौथ का बहुत महत्व होता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन माताएं अपनी संताने की लंबी उम्र और सफलता के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी आज मनाया जा रहा है। सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ और वक्रकुंडी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत वैसे तो हर महीने मनाया जाता है, लेकिन माघ महीने में पड़ने वाली संकट चौथ की महिलाओं के लिए बहुत खास होती है। उदयातिथि के मुताबिक सकट चौथ का व्रत इस साल 17 जनवरी 2025 को रखा जा रहा है। सकट चौथ की चतुर्थी की शुरूआत आज सुबह 4: 06 मिनट पर शुरू होगा। जिसकी समाप्ति 18 जनवरी यानी कल सुबह 8: 30 मिनट पर होगी। सकट चौथ के पूजन का शुभ मुहूर्त आज सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। साथ ही, चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय रात 9 बजकर 09 मिनट पर होगा।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नहाने के बाद भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय ध्यान रहे कि माता लक्ष्मी की मूर्ति भी रखी जाए। पूजा के साथ दी निर्जला उपवास करने का संकल्प लें। दिनभर निर्जला उपवास रखने के बाद रात में चांद को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के बाद गणेश जी की पूजा कर फल खाए। केवल खाए उसके साथ नमक वाली किसी चीज का सेवन ना करें।
ऐसी माना जाता है कि जो माताएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा करते है , उनकी संतान हमेशा निरोग रहती है। ये व्रत करने वालों पर गणपति भगवान की विशेष कृपा बनी रहती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश और चंद्र देव की पूजा करने से सारी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।