पटना। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का बहुत ज्यादा महत्व होता है। हर महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चर्तुदशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि पड़ती है। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त माघ […]
पटना। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का बहुत ज्यादा महत्व होता है। हर महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चर्तुदशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि पड़ती है। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
माघ माह में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन यानी 27 जनवरी को पड़ती है। प्रदोष व्रत उदयातिथि के नियम के मुताबिक रखा जाता है। शिवरात्रि में रात को पूजा करने का अलग महत्व होता है। जिस वजह से प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का संयोग बेहद शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत का शुभ मूहूर्त सुबह में 7 बजकर 11 मिनट से 8 बजकर 32 मिनट तक है। वहीं रात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह में 9 बजकर 52 मिनट से 11 बजकर 13 मिनट तक है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने लें। घर में मंदिर की साफ-सफाई करें। साफ-सफाई करने के बाद भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीया जलाएं। भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें। साथ ही फूल चढ़ाएं। इस दिन भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा साथ ही तीनों भगवान को मीठे का भोग लगाएं। साथ ही प्रसाद को सब में वितरित करें।