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Shardiya Navratri 2024: कल से होगी नवरात्रि की शुरूआत, इस विधि से करें मां शैलपुत्री की आराधना

पटना: शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र गुरुवार को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि पर देवी शैलपुत्री की पूजा के साथ शुरू होने जा रहा है। कलश स्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते है. पूजा करने के दौरान पहने सफेद वस्त्र मां शैलपुत्री के वस्त्रों की बात करें तो […]

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  • October 2, 2024 4:45 am IST, Updated 11 months ago

पटना: शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र गुरुवार को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि पर देवी शैलपुत्री की पूजा के साथ शुरू होने जा रहा है। कलश स्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते है.

पूजा करने के दौरान पहने सफेद वस्त्र

मां शैलपुत्री के वस्त्रों की बात करें तो वह सफेद वस्त्र धारण करती हैं। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। मां के मस्तक पर चन्द्रमा की आभा है। साथ ही मां का वाहन नंदी है।

मां शैलपुत्री का स्वरूप सफेद

मां शैलपुत्री के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा जा सकता है कि इनका रंग सफेद है। माता ने श्वेत वस्त्र धारण किये हुए हैं। इनका वाहन वृषभ यानि बैल है। मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। उनका यह रूप सौम्यता, करुणा, स्नेह और धैर्य का प्रतीक है।

ये है पूजा करने की विधि

-नवरात्रि के पहले दिन सुबह नहा-धोकर तैयार हो जाएं.

-इसके बाद देवी मां का ध्यान करते हुए कलश की स्थापना करें।

-कलश स्थापित करने के बाद मां शैलपुत्री का चित्र स्थापित करें.

-मां को कुमकुम और अक्षत चढ़ाएं.

-मां शैलपुत्री का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।

-उन्हें सफेद फूल अर्पित करें।

-अंत में मां शैलपुत्री की आरती करें और भोग लगाएं।

पूजा करने का मंत्र

ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।


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