पटना। हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। शरद पूर्णिमा की रात कई मायनों से अहम मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूरा होता है। शास्त्र के मुताबिक शरद पूर्णिमा व्रत करने से सुख संपदा की प्राप्ति होती है। इस दिन कोजागरी की पूजा-अर्चना भी की जाती है।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पंचाग के मुताबिक आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 53 मिनट पर खत्म हो जाएगा। शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा के दिन चांद निकलने का समय शाम 5 बजकर 4 मिनट है।
किन चीजों को करें
शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में खीर को रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि चांद की किरणे जब खीर पर पड़ती है तो खीर में अमृत घुल जाता है। चांदनी रात में खीर रखने से सेहत को लाभ मिलते हैं।
शरद पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान जी के सामने चौमुखा दीप जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दीप जलाने से बजरंगबली अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं।
इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए, साथ ही विष्णु देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
शरद पूर्णिमा में इन चीजों से करें परहेज
शरद पूर्णिमा के दिन मन में नकारात्मक विचारों को नहीं लाने देना चाहिए।
इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए।
इस दिन गुस्सा भी नहीं करना चाहिए। जो चीजें आपको गुस्सा दिलाती हैं, उनसे दूर रहें।
इस दिन किसी से भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।