पटना: पितृ पक्ष में आने वाली सर्वपितृ अमावस्या को पितरों की विदाई का समय माना जाता है। इस तिथि पर परिवार के उन मृत सदस्यों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि हम भूल गए हों या जिनकी मृत्यु अमावस्या, पूर्णिमा या चतुर्दशी तिथि को हुई हो। इसके अलावा यह तिथि नाराज पितरों को मनाने और उनका आशीर्वाद लेने का आखिरी मौका भी है।
तिथि का विशेष मुहूर्त
आश्विन मास की अमावस्या तिथि का आरंभ 01 अक्टूबर 2024 को रात्रि 09:39 बजे हो रहा है. साथ ही यह तिथि 03 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो रही है. ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या 02 अक्टूबर, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन के अन्य शुभ मुहूर्त इस प्रकार होंगे। –
कुतुप मुहूर्त – 11:46 बजे से 12:34 बजे तक
रौहिण मुहूर्त – 12:34 बजे से 13:21 बजे तक
अपराह्न काल – 13:21 बजे से 15:43 बजे तक
इस तरह करें पितरों को विदा
सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद पितरों को तर्पण और पिंडदान करें।साथ ही इस दिन पंचबलि यानी गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटी को भी श्राद्ध तर्पण करें।
ब्राह्मण को भोजन जरूर कराएं
इसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार 1, 3 या 5 ब्राह्मणों को भोजन कराएं। ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें। सर्वपितृ अमावस्या के तर्पण के दौरान खीर पूरी जरूर बनानी चाहिए। इन सभी बातों का ख्याल रखने पर हमारे पूर्वज प्रसन्न होकर पितृलोक को लौट जाते हैं और हमें सुख-समृद्धि जीवन का खूब आशीर्वाद देते हैं।
जरूर रखें इन बातों का ध्यान
बता दें कि सर्वपितृ अमावस्या की तिथि पर गलती से भी तामसिक भोजन नहीं खाएं और न ही इस दिन श्मशान घाट या किसी सूनसान स्थान पर जाएं। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियां एक्टिव हो जाती हैं। इतना ही नहीं इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। इन बातों का ख्याल न रखने पर पितृ नाखुश हो सकते हैं, जिससे आपको जीवन में परेशानी हो सकती है।