पटना। पौष पूर्णिमा का दिन बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। पौष, हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना है। यही कारण है कि इस दौरान पड़ने वाली पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन […]
पटना। पौष पूर्णिमा का दिन बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। पौष, हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना है। यही कारण है कि इस दौरान पड़ने वाली पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है। साथ ही भगवान विष्णु से जुड़े धार्मिक कार्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक पौष पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी को दोपहर 05 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 14 जनवरी को रात 03 बजकर 56 मिनट पर खत्म होगी। उदया तिथि को देखते हुए पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को मनाई जाएगी। इसी दिन से महाकुंभ की पावन शुभारंभ हो गया।
पूर्णिमा के दिन कभी भी स्नान-दान कर सकते हैं, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5. 27 मिनट से 6. 21 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त दोपहर 12. 09 मिनट से 12. 51 मिनट तक रहेगा। फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से 02 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इसके अतिरिक्त रवि योग सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 10 बजकर 38 मिनट तक का होगा। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद भगवान को अर्घ्य दें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करें। इसके बाद ब्रह्माण या किसी गरीब या जरुरतमंद को भोजन कराएं। इस दिन कंबल, गुड़, तिल जैसी चीजों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। पोष सूर्य देव का महीना कहलाता है। इस महीने में सूर्य देव की विधिपूर्व पूजा की जाती है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।