पटना। हिंदू धर्म में कुंभ मेले का खास महत्व होता है। कुंभ की भव्यता अद्भूत होती है। इसकी मान्यता का प्रमाण इस बात से मिलता है कि इसमें स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु महाकुंभ मेले में आते हैं। अगला महाकुंभ प्रयागराज, इलाहाबाद में होने वाला है। इन महाकुंभ का आयोजन केवल हरिद्वार, उज्जैन, नासिक […]
पटना। हिंदू धर्म में कुंभ मेले का खास महत्व होता है। कुंभ की भव्यता अद्भूत होती है। इसकी मान्यता का प्रमाण इस बात से मिलता है कि इसमें स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु महाकुंभ मेले में आते हैं। अगला महाकुंभ प्रयागराज, इलाहाबाद में होने वाला है। इन महाकुंभ का आयोजन केवल हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में ही होता है, जिसके पीछे एक प्राचीन कथा है। आइए, इसके पीछे कथा जानते हैं।
एक सौ वाजपेय यज्ञ , एक लाख पृथ्वी की परिक्रमा और एक हजार अश्वमेध यज्ञ का जो फल प्राप्त होता है, वही फल इंसान को ‘कुम्भ स्नान’करने से प्राप्त होता है। प्रयागराज में 2025 में महाकुम्भ के आयोजन के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र तीनों नदियों के संगम पर अनगिनत श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति के लिए यहां आते हैं और स्नान करते हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक कुंभ के समय श्रद्धा से स्नान करने वाले व्यक्तियों के सभी पाप दूर हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
13 जनवरी: महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान 13 जनवरी को होगा जो पौष पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है।
14 जनवरी: मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर दूसरा शाही स्नान का होगा।
29 जनवरी: 29 जनवरी को अमावस्या है, मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालु शाही स्नान करेंगे।
3 फरवरी: 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा।
12 फरवरी: माघ पूर्णिमा के मौके पर भी शाही स्नान का आयोजन होगा।
26 फरवरी: महाशिवरात्रि के पर भी श्रद्धालु शाही स्नान के लिए आएंगे।