पटना। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, जो हिंदी भाषा के महत्व और इसके वैश्विक प्रसार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस दिन 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा घोषित किया गया था। इस मौके पर हिंदी भाषा के महत्व को समझाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन […]
पटना। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, जो हिंदी भाषा के महत्व और इसके वैश्विक प्रसार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस दिन 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा घोषित किया गया था। इस मौके पर हिंदी भाषा के महत्व को समझाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
विश्व स्तर पर हिंदी को एक सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए इस दिन को मनाना महत्वपूर्ण हो जाता है। यह दिन हिंदी भाषा की अहमियत और उसके वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए महत्वपूर्ण होता है। हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को वैश्विक स्तर पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाना है। विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत 10 जनवरी 2006 को भारत सरकार ने की थी। इस दिन को खास तौर पर हिंदी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और भाषा की वैश्विक पहचान बनाने का प्रयास किया जाता है।
हिंदी, जो दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। यह भारत में आमतौर पर सबसे ज्यादा बोली जाती है। हिंदी दिवस को उचित स्थान दिलाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को वैश्विक मंच पर प्रोत्साहित करना है। इसे अन्य देशों में भी साहित्य, कला और शिक्षा के माध्यम से लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया है। साथ ही, यह दिन हिंदी बोलने वालों को अपने भाषा के प्रति गर्व और सम्मान महसूस करवाना है। इसका उद्देश्य हिंदी को एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थान दिलाना है।
विश्व हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे हिंदी सेमिनार, साहित्य सम्मेलन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां। भारत और विदेशों में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं हिंदी के प्रचार के लिए कई तरह की गतिविधियां और प्रतियोगिताएं आयोजित करती हैं। इसके अतिरिक्त कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों में खास हिंदी भाषण और लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।