पटना। सनातन धर्म में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन प्रदोष व्रत का रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर 2024 यानी आज […]
पटना। सनातन धर्म में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन प्रदोष व्रत का रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर 2024 यानी आज है। जिसे गुरु प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से व्रत करने वाली की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस प्रदोष व्रत के मौके पर दुर्लभ सौभाग्य योग के साथ कई शुभ योग भी बन रहे हैं। प्रदोष व्रत के मौके पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। मंदिर या पूजा स्थल की सफाई करें। मंदिर साफ करने के बाद शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। इस प्रदोष व्रत में भगवान शिव और पार्वती की विधि-विधान से पूजा करते है।
प्रदोष व्रत पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती को अक्षत, बेल पत्र, धूप आदि अर्पित करना चाहिए। इन सभी सामग्री से भगवान शिव की पूजा में शामिल करना चाहिए। यह व्रत निर्जला या फलाहार के साथ किसी भी तरह से रखा जा सकता है। पूरे दिन उपवास करने के बाद सूर्यास्त से पहले कुछ खा लेना चाहिए। हो सके तो शाम को पुनः स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें और गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनें। अंत में शिव जी की आरती करके भोग लगाए। इस दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाना ना भूलें।
पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06: 23 मिनट पर आरंभ होगी। इसके पश्चात 29 नवंबर को सुबह 08: 39 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इस तरह 28 नवंबर को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08: 06 मिनट तक रहेगा।इस दिन कई सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है, जो 28 नवंबर की संध्या 4 बजकर 1 मिनट तक ही रहेगा।
इस समय चित्रा नक्षत्र का भी यो बन रहा है। इस मुहूर्त में शिव परिवार की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख-दर्द खत्म होते हैं।