पटना। सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा को अति महत्व होता है। दीवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा को मनाया जाता है। इस दिन पूरे मोहल्ले में हर्षोउल्लास का माहौल होता है। इस बार गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा। इस मौके पर गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण का चित्रण किया जाता […]
पटना। सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा को अति महत्व होता है। दीवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा को मनाया जाता है। इस दिन पूरे मोहल्ले में हर्षोउल्लास का माहौल होता है। इस बार गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा। इस मौके पर गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण का चित्रण किया जाता है। जिनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है।
साथ ही भगवान श्री कृष्ण को उनका प्रिय भोग अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन पर श्री कृष्ण की पूजा करने से सुख-समृद्धी की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सफलता पाने के लिए दान-पून्य भी किया जाता है। आइए जानते है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की गोवर्धन पूजा की शुरूआत 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से होगी। वहीं, इसकी समाप्ति 02 नवंबर रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगी। ऐसे में गोवर्धन पूजा का त्योहार 02 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है।
प्रातःकाल मुहूर्त – सुबह 06:34 से 08: 46 मिनट तक, संध्याकाल मुहूर्त – दोपहर 03: 23 से 05: 35 मिनट तक, गोधूलि मुहूर्त- शाम 06: 05 मिनट से लेकर 06: 30 मिनट तक, विजय मुहूर्त- दोपहर 02: 09 मिनट से 02: 56 मिनट तक। त्रिपुष्कर योग- रात्रि 08:21 मिनट तक, 3 नवंबर को सुबह 05: 58 मिनट तक।
गोवर्धन पूजा के दिन ब्रजवासी भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग अर्पित करते हैं। ‘अन्नकूट’ का अर्थ है अन्न का पहाड़। इस दिन सभी लोग अपने-अपने घरों से भगवान श्री कृष्ण को अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगाते है, जैसे चावल, दाल, सब्जियां और अन्य कई तरह के पकवान। इसके साथ ही नंदलला को 56 भोग भी चढ़ाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से भक्तों पर नंदलला की कृपा बनी रहती है। इस दिन माखन को भोग लगाने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते है।