पटना: आश्विन माह में मनाया जाने वाला दुर्गा पूजा एक बहुप्रतीक्षित हिंदू त्योहार है, खासकर बंगालियों के लिए। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हुए बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा ने भैंस राक्षस महिषासुर को हराया था। इस साल दुर्गाष्टमी व्रत की तिथि को लेकर लोगों के मन में असमंजस की स्थिति है. तो आइए जानते हैं दुर्गा अष्टमी व्रत की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त।
11 अक्टूबर को महाअष्टमी
वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:35 बजे शुरू होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12:05 बजे समाप्त होगी. इस वर्ष सप्तमी व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जबकि सप्तमी और अष्टमी व्रत एक साथ नहीं रखे जाते हैं। अत: 11 अक्टूबर 2014, शुक्रवार को दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाएगा और उसी दिन महानवमी का व्रत भी रखा जाएगा।
दुर्गा अष्टमी मुहूर्त 2024
चर – सामान्य – 06:20 am से 07:47 am
लाभ – उन्नति – 07:47 am से 09:14 am
अमृत – सर्वोत्तम – 09:14 am से 10:41 amवार वेला
शुभ – उत्तम – 12:08 pm से 01:34 pm
चर – सामान्य – 04:28 pm से 05:55 pm
अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा
माता दुर्गा के 9 स्वरूपों में अष्टमी के दिन पूजी जाने वाली देवी महागौरी हैं. महागौरी माता पार्वती का एक दिव्य रूप मानी जाती हैं. उनके नाम से ही स्पष्ट है कि उनका रंग पूरी तरह से गोरा है. उनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से की गई है.
महागौरी के स्वरुप का वर्णन
भवेद् गौरी के अनुसार, उनकी आयु आठ वर्ष मानी जाती है. उनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद रंग के होते हैं, इसलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा के नाम से भी जाना जाता है। महागौरी के चार भुजाएं हैं और उनका वाहन वृषभ है, इसीलिए उन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. उनके दाहिने हाथ में अभय मुद्रा है, जबकि नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा धारण की गई है.