पटना। दीवाली का त्योहार 31 अक्टूबर यानी गुरुवार को मनाया जाएगा। दिवाली के दिन प्रदोष काल और वृषभ काल में भगवान गणेश , माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। वृषभ और सिंह स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सुख-संपदा का आगमन
ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन गणेश-लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में सुख-संपदा का आगमन आता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीवाली का त्योहार मनाया जाता है। कार्तिक के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीवाली का त्योहार मनाया जाता है।
दीवाली पूजन का शुभ मुहूर्त
विजय मुहूर्त- शाम 1.54 से 2.39
ब्रह्ना मुहू्र्त- सुबह 4.48 से 5.40
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.41 से 12.26
संध्या- सुबह 5.14 से 6.32
गोलूधि मुहूर्त- शाम 5.36 से 6.01
सायाह्म संध्या- 5.36 से 6.53
चौघड़िया मुहूर्त- 5.36 से7.13
किन बातों का रखे ध्यान
दिवाली के दिन शाम को किसी को भी दूध, दही और इसमे बनी चीजें नही देनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस इन चीजों को देने से घर की बरकत चली गई।
इस दिन दिवाली के बाद शाम के समय दूध को दान में नहीं देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है नमक का संबंध शुक्र और चंद्रमा ग्रह से है। इसलिए इसे भी दिवाली के दिन नहीं देना चाहिए। इससे ऐश्वर्य का ग्रह खराब होता है।
हल्दी का इस्तेमाल शुभ कार्यों में होता है। इसका संबंध गुरु ग्रह से है। इसलिए हल्दी का दान देने से इस दिन गुरु ग्रह खराब हो जाता है।
दीवाली के मौके पर चीनी का दान नहीं देना चाहिए। इससे चीनी का दान देने से मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। ऐसा माना जाता है कि चीनी गन्ने से बनती है। गन्ना मां लक्ष्मी को प्रिय होते है। इसलिए चीनी का दान दने से परहेज करना चाहिए।