पटना: आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है।। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपो की पूजा की जाती है। ऐसे में इस 9 दिनों के दौरान माता को नौ रंग के वस्त्र अधिक प्रिय है। तो आईए जानते हैं 9 दिनों में अलग-अलग नौ रंगो का महत्व क्या है। […]
पटना: आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है।। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपो की पूजा की जाती है। ऐसे में इस 9 दिनों के दौरान माता को नौ रंग के वस्त्र अधिक प्रिय है। तो आईए जानते हैं 9 दिनों में अलग-अलग नौ रंगो का महत्व क्या है।
अप्रैल के महीने में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई है। आज मंगलवार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होकर 17 अप्रैल तक चलेगी। 17 अप्रैल को देश भर में रामनवमी मनाई जाएगी। इन नौ दिनों में भारत के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे लोगों के लिए अपना एक अलग महत्व है। नवरात्र के नौ दिनों को नौ प्रकार के रंगो से जोड़ा गया है। हर एक दिन का रंगों का अलग महत्व है। इन नौ रंगो को धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया गया हैं। रंगों में नीला रंग, पीला रंग, हरा रंग, ग्रे रंग, संतरी रंग, सफेद रंग, लाल रंग, आसमानी रंग और गुलाबी रंग शामिल है।
नवरात्र के पहले दिन माता के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा होती है। ऐसे में इस दिन पर नीला रंग को धार्मिक दृष्टिकोण से पवित्र बताया गया है।
नवरात्र के दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा होती है। ऐसे में इस दिन पर पीला रंग के वस्त्र पहना शुभ माना गया है।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है। इस दिन लोग हरे रंग के वस्त्र पहनते हैं।
नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा रूप की पूजा होती है। इस दिन लोग ग्रे रंग का कपड़ा पहनते हैं।
पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता रूप की पूजा होती है। इस दिन लोग संतरी रंग के वस्त्र धारण करते हैं।
नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा होती है। इस दिन सफेद रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
सातवें दिन माता के काली रूप की पूजा होती है। इस दिन लाल रंग का विशेष महत्व है। सप्तमी तिथि पर लोग खासकर लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं। लाल रंग को स्नेह, बलिदान, क्रोध और साहस से जोड़ा जाता है।
नवरात्र के आठवें दिन को महाअष्टमी नाम से जाना जाता है। इस दिन आसमानी रंग का अलग महत्व है। यह रंग अंतकाल और अनंता को दर्शाता है।
नौवे दिन यानी महानवमी पर मां के सिद्ध रूप की पूजा होती है। इस दिन गुलाबी रंग का अलग महत्व है। यह रंग दया, स्त्रीत्व और प्रेम को दर्शाता है।