पटना: सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह त्योहार 3 फरवरी, सोमवार को पड़ रहा है। इस दिन शाही या अमृत स्नान करने का भी योग है। ऐसे में इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है. जहां एक ओर बसंत […]
पटना: सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह त्योहार 3 फरवरी, सोमवार को पड़ रहा है। इस दिन शाही या अमृत स्नान करने का भी योग है। ऐसे में इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है. जहां एक ओर बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान बढ़ता है और जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं, वहीं दूसरी ओर अगर इस दिन मां सरस्वती का ध्यान करते हुए किताब में एक चीज रखी जाए तो इससे जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं। तो चलिए जानते है इसके बारे में।
ऐसा माना जाता है कि सरस्वती पूजा के दिन किसी किताब में मोर पंख रखना ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है। इससे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और छात्र का ध्यान और समझ बेहतर होती है।
सरस्वती पूजा के दिन मोर पंख को किताब में रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण शुद्ध होता है जिससे मन विचलित नहीं होता और एकाग्रता बढ़ती है।
कहा जाता हैं कि बिना ज्ञान के लक्ष्मी कहां, ऐसे में अगर सरस्वती पूजा के दिन किताब में मोर का पंख हो तो इससे देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है। शिक्षा से धन का मार्ग खुलता है और घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। मोर पंख का एक और फायदा यह है कि यह मानसिक शांति प्रदान करता है। ऐसे में सरस्वती पूजा के दिन किसी किताब में मोर पंख रखने से तनाव दूर होता है और व्यक्ति को मानसिक शक्ति और मजबूत होती है।
बता दें कि सरस्वती पूजा के दिन न केवल छात्र अपनी किताबों में मोर पंख रख सकते हैं, बल्कि नौकरीपेशा लोग या बिजनेस करने वाले लोग या फिर अच्छा करियर चाहने वाले लोग किसी भी किताब में मोर पंख रख सकते हैं। इस नियम को ध्यान में रखना होगा कि फिर आपको वह किताब अपने पास रखनी होगी। किसी भी किताब में मोर पंख न रखें और फिर उस किताब को कहीं भी पड़ा हुआ न छोड़ें। आप धार्मिक पुस्तकों में भी मोर पंख रख सकते हैं।