Nitish Cabinet Meeting: सीएम नीतीश ने खेला सियासी दांव, जानें जाति आरक्षण पर क्या बोले

पटना। देश में अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है। इसे लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी एक्टिव मोड में नज़र आ रहे हैं। यही नहीं उन्होंने एक बार फिरसे सियासी दांव खेला है। बता दें कि बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू करने के बाद अब नीतीश सरकार ने बिहार के लिए […]

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Nitish Cabinet Meeting: सीएम नीतीश ने खेला सियासी दांव, जानें जाति आरक्षण पर क्या बोले

Nidhi Kushwaha

  • November 22, 2023 12:02 pm IST, Updated 1 year ago

पटना। देश में अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है। इसे लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी एक्टिव मोड में नज़र आ रहे हैं। यही नहीं उन्होंने एक बार फिरसे सियासी दांव खेला है। बता दें कि बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू करने के बाद अब नीतीश सरकार ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की मुहिम भी शुरू कर दी है। इस दौरान बुधवार (22 नवंबर) को हुई कैबिनेट की बैठक की गई, जिसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा कुल 40 प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई है।

कुल आरक्षण सीमा 75 प्रतिशत

इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित जनगणना का काम कराया गया। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण सीमा 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। अब अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण सीमा 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण सीमा 18 प्रतिशत से 25 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। यानी सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा। इन सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत कर दिया गया है।

2013 में बनाई गई थी रघुराम राजन कमेटी

इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने एक्स हैण्डल पर पोस्ट करते हुए कहा कि हम लोग 2010 से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। सीएम नीतीश ने बताया कि 24 नवंबर, 2012 को पटना के गांधी मैदान और 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अधिकार रैली की गई थी। उस वक्त हमारी मांग पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने रघुराम राजन कमेटी बनाई, जिसकी रिपोर्ट सितंबर, 2013 में प्रकाशित हुई। इसके बाद भी तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसके लिए कुछ नहीं किया।

सीएम नीतीश ने पोस्ट कर दी जानकारी

सीएम नीतीश ने आगे कहा कि मई, 2017 में भी हम लोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भैजा। उन्होंने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया। मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के विकास को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को जल्द विशेष राज्य का दर्जा दे।

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