Lok Sabha Election: मतों की गिनती में जुटे अफसरों से मल्लिकार्जुन खरगे ने की अपील

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Lok Sabha Election: Mallikarjun Kharge appeals to officers busy counting votes
Lok Sabha Election: Mallikarjun Kharge appeals to officers busy counting votes

पटना। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Election) का रिजल्ट आज जारी होगा। वोटों की गिनती जारी है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मतों की गिनती में जुटे अफसरों से अपील की हैं कि वह किसी भी असंवैधानिक तरीके से नीचे ना झुकें। अपना कर्तव्य बिना किसी डर या दबाव के पूरा करें। खरगे ने यह भी अपील की हैं कि कुछ संस्थानों ने तो अपनी स्वतंत्रता छोड़ दी है और सत्तारुढ़ पार्टी के हु्क्म का पालन करने में बेशर्मी से जुट गए है।

खरगे ने कहा कि बिना किसी डर या दबाव के करें देश की सेवा

बता दें कि यह पहली बार हुआ है जब किसी विपक्ष के नेता ने वोटों की गिनती में लगे अफसरों से कोई अपील की है। अपने संदेश में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा हैं कि कांग्रेस पार्टी आप सभी अफसरों से अपील करती है कि संविधान को ध्यान में रखते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें। बिना किसी डर, पक्षपात या दबाव में आए बिना देश की सेवा करें। मतगणना वाले दिन योग्यता के आधार पर नतीजे तय न हो और न ही किसी डर या दबाव के। हम आने वाले पीढ़ी को एक बेहतर लोकतंत्र एवं आधुनिक भारत का निर्माण करने वाले संविधान सौंपने के ऋणी है।

संस्थान का स्वतंत्र होना है आवश्यक

इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा है कि किसी भी संस्थान का स्वतंत्र होना बहुत आवश्यक है। हर सिविल सर्वेंट सेवा में आने पर संविधान की शपथ लेता है कि वह बिना किसी डर, दवाब, पक्षपात के अपना कर्तव्य निभाएगा। इसलिए बहुत जरुरी है कि हर पद पर बैठे अफसर संविधान के मू्ल्यों को ध्यान में रखे। हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही दबाव में आए बिना अपनी सेवा देंगे।

भाजपा पर साधा निशाना

मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि हम देख रहे हैं कि कुछ संस्थानों ने अपनी स्वतंत्रता सत्ता में बैठी पार्टी के हाथों बेच दी है। वे बेशर्मी की सभी हदें पार कर चुकी है। महज सत्ता में बैठे लोगों के आदेशों का पालन कर रही है ये संस्थान। इनमें से कुछ संस्थानों ने तो उनके बोलने, बैठने, बात करने तक का तरीका अपना लिया है। इसी में जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि ये संस्थानों की गलती नहीं है बल्कि यह तो सत्ता में बैठे तनशाहों को मिली ताकत का दुरुपयोग है।