पटना। बिहार के वोटरों ने पिछले लोकसभा चुनाव 2019 के मुकाबले(Lok Sabha Election 2024) इस बार नोटा को अपनी पहली प्राथमिकता बनाई। 12 लाख से ज्यादा लोगों ने किसी भी उम्मीदवार को चुनने से बेहतर नोटा का बटन दबाना ज्यादा पंसद किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में नोटा को 2 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। वहीं इस बार के चुनाव में 2.8 प्रतिशत वोट नोटा पर दिया है। फिलहाल चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक तौर पर अंतिम चुनाव के नतीजे के बाद ही यह बात स्पष्ट होगी कि कुल कितने वोट नोटा को दिए गए है। इन आकंड़ो में वृ्द्धि के आसार जताए गए है।
नोटा पर डालें गए वोट
इस लोकसभा चुनाव में सूबे में मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 56 लाख के करीब है। जिसमें 56.19 प्रतिशत वोटरों ने वोट डाले हैं। कुल वोटरों की संख्या के लगभग 4 करोड़ वोट केवल नोटा पर डाले गए हैं। इसमे 2.08 प्रतिशत लोगों ने नोटा पर वोट डाले हैं। आमूमन इतने मतदाता एक छोटे या सामान्य लोकसभा क्षेत्र में होते है। सबसे कम वोट पाटलिपुत्र में डाले गए है। पाटलिपुत्र में लोकसभा चुनाव में सिर्फ 4571 वोट नोटा पर दिया गया है। इसके बाद पटना साहिब में 5354, मुजफ्फरपुर में 6906 और बक्सर में 8089 वोट कम डाले गए है।
इस बार 40 सीटों पर 497 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए। इनमें से आधे से अधिक खासकर निर्दलीय प्रत्याशी है जिन्हें चुनाव में नोटा से कम या बराबर के वोट प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा राज्य के कई क्षेत्रों में नोटा पर वोट डालने की संख्या अभी कम है।
नोटा के मामले में गोपालगंज सबसे आगे
अब तक मिले वोटों के आंकड़ो के मुताबिक नोटा पर सबसे ज्यादा वोट डालने के मामले में गोपालगंज सबसे आगे है। गोपालगंज में 42 हजार 713 वोट नोटा पर डाले गए है। इसके बाद हाजीपुर में 36 हजार 927, झंझारपुर में 35 हजार 798, बांका में 34 हजार 889, समस्तीपुर में 32 हजार 645, सीतामढ़ी में 32 हजार 20, भागलपुर में 31 हजार 665, वाल्मिकी नगर में 30 हजार 709, शिवहर में 30 हजार 168,खगड़िया में 28 हजार 588, वैशाली में 27 हजार 460 वोट नोटा पर डाले गए है।