पटना। 25 वर्षों के लंबे समय बाद(Lok Sabha Election 2024) बिहार में 5 महिला सासंद लोकसभा पहुंची। इससे पहले वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में बिहार से 5 महिला सासंद बनी थी। लेकिन तब बिहार और झारखंड एक हुआ करते थे। राज्य के बंटवारा होने के बाद यह पहली बार है कि जब बिहार राज्य […]
पटना। 25 वर्षों के लंबे समय बाद(Lok Sabha Election 2024) बिहार में 5 महिला सासंद लोकसभा पहुंची। इससे पहले वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में बिहार से 5 महिला सासंद बनी थी। लेकिन तब बिहार और झारखंड एक हुआ करते थे। राज्य के बंटवारा होने के बाद यह पहली बार है कि जब बिहार राज्य की 5 महिलाएं एक साथ लोकसभा पहुंची हैं। वर्ष 2019 में वीणा देवी, रमा देवी और कविता सिंह ने जीत हासिल की थी।
इस बार महिलाओं ने बिहार में शानदार प्रदर्शन किया है। इस चुनाव में 39 महिला उम्मीदवार मैदान में तैनात थी। महागठबंधन ने 6 बल्कि एनडीए ने 4 महिलाओं को चुनाव में उतारा था। एनडीए के प्रत्याशियों की इस चुनाव में जीत हासिल की है। भाजपा, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने भी किसी महिला उम्मीदवार को चुनाव में मौका नहीं दिया। बिहार राजद की ओर से मीसा भारती को पाटलिपुत्र से, रोहिणी आचार्य को सारण से, रितु जायसवाल को शिवहर से , बीमा भारती को पूर्णिया से, अर्चना रविदास को जमुई से और अनिता देवी को नवादा से टिकट दिया था। लेकिन केवल मीसा भारती को ही जीत हासिल हो पाई है। सीवान से निर्दलीय हेना शहाब को भी जीत हासिल हुई है।
हेना शहाब को मुख्य उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही थी। चुनाव के परिणाम आने के बाद जेडीयू के बाद हेना शहाब दूसरे स्थान पर रही। उन्ही के कारण राजद को तीसरे स्थान से ही संतुष्टी करनी पड़ी।जेडीयू की उम्मीदवार सीवान से विजयलक्ष्मी कुशवाहा एवं शिवहर से लवली आनंद दोनों को जीत मिली। वहीं लोजपा की उम्मीदवार वैशाली से वीणा सिंह, समस्तीपुर से शांभवी चौधरी ने जीत दर्ज की हैं। बिहार की सियासत में 25 साल बाद 5 महिला सासंद चुनी गई हैं। इस बार बिहार की जनता ने अपना वोट देकर महिलाओं को विजयी बनाया है। राज्य के बटंवारे के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सूबे से 5 महिलाओं को जनता ने लोकसभा पहुंचाया है। इससे पहले ऐसा वर्ष 1999 में हुआ था जब झारखंड व बिहार एक हुआ करते थे।