पटना। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार (Bihar Politics ) में आगामी दो चरणों में दस सीटों पर मतदान होना है। इसमें से 7 मई को तीसरे और 13 मई को चौथे चरण का मतदान होना है। जिसमें कोसी-सीमांचल और मिथिलांचल की अधिसंख्य सीटें शामिल हैं। राजग और महागठंबधन दोनों की ओर से सभी दस सीटों […]
पटना। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार (Bihar Politics ) में आगामी दो चरणों में दस सीटों पर मतदान होना है। इसमें से 7 मई को तीसरे और 13 मई को चौथे चरण का मतदान होना है। जिसमें कोसी-सीमांचल और मिथिलांचल की अधिसंख्य सीटें शामिल हैं। राजग और महागठंबधन दोनों की ओर से सभी दस सीटों पर जोर-आजमाइश की जा रही है।
अगर बात करें बीते दो दशकों के लोकसभा चुनाव कि तो मिथिलांचल राजग का मजबूत किला नजर आता है। वहीं कोसी-सीमांचल में महागठबंधन जीत दर्ज कर सेंधमारी करता (Bihar Politics ) आया है। इस बार भी महागठबंधन को सीमांचल की सीटों से अधिक उम्मीदें हैं। बता दें कि तीसरे चरण में अररिया, सुपौल, मधेपुरा, झंझारपुर और खगडि़या में चुनाव होना है। अभी यह पांचाें सीटें राजग के खाते में हैं। इनमें से तीन सीटों पर जदयू जबकि एक-एक सीट पर भाजपा और लोजपा का कब्जा है।
हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में अररिया, सुपौल और मधेपुरा की सीट महागठबंधन के दलों के खाते में गई थी। उस वक्त अररिया से राजद के तस्लीमुद्दीन और फिर हुए उपचुनाव में राजद के ही सरफराज आलम, सुपौल से कांग्रेस के रंजीत रंजन और मधेपुरा से राजद के पप्पू यादव ने जीत हासिल की थी।
वहीं वर्ष 2009 के चुनाव में ये पांचों सीटें राजग के दलों को मिली थीं। उससे पहले 2004 में मधेपुरा, झंझारपुर और खगडि़या में राजद के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी जबकि लोजपा के टिकट पर सुपौल से रंजीत रंजन ने चुनाव जीता था। कोसी-सीमांचल में मुस्लिम और यादव वोटरों की संख्या ज्यादा होने की वजह से भी महागठबंधन के हौसले बुलंद हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को दरभंगा, समस्तीपुर, उजियारपुर, बेगूसराय और मुंगेर में मतदान होगा। पिछले तीन लोकसभा चुनाव यानी 15 सालों से सभी पांचों सीटों पर लगातार राजग के दलों का कब्जा है। वहीं मौजूदा समय में दरभंगा, उजियारपुर और बेगूसराय पर भाजपा, मुंगेर पर जदयू और समस्तीपुर पर लोजपा का कब्जा है। इनमें से तीन सीटों दरभंगा, समस्तीपुर और मुंगेर पर महागठबंधन ने आखिरी बार 2004 में जीत हासिल की थी। उस वक्त ये तीनों सीटें राजद को मिली थी।
उस समय उजियारपुर सीट अस्तित्व में नहीं थीं जबकि, बेगूसराय सीट से जदयू के ललन सिंह ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी मिथिलांचल के साथ बेगूसराय और मुंगेर की सीट पर राजग की उम्मीदवारी मजबूत दिखाई दे रही है। हालांकि, महागठबंधन भी जीत के लिए पूरी तैयारी में है।