World Menstrual Hygiene Day: विश्वभर में 28 मई यानि आज के ही दिन हर साल विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है। World Menstrual Hygiene Day मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के बीच पीरियड्स या मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को बनाए रखने व उससे जुड़ी अफवाहों को दूर करना […]
World Menstrual Hygiene Day: विश्वभर में 28 मई यानि आज के ही दिन हर साल विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है। World Menstrual Hygiene Day मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के बीच पीरियड्स या मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को बनाए रखने व उससे जुड़ी अफवाहों को दूर करना है।
वर्ल्ड मेन्सटूअल हाइजीन डे को मनाने की शुरुआत साल 2013 में जर्मन एनजीओ वाश ने की थी। जिसके बाद साल 2014 के बाद से इसे पूरे विश्वभर में मनाया जाने लगा है। इस दिन की खास बात यह है कि मासिक धर्म या महावारी के वक्त स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण यह है कि महिलाओं को महावारी के वक्त हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है, यह बताना है।वर्ल्ड मेन्सटूअल हाइजीन डे के खास मौके पर प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अपूर्वा गुप्ता बताती हैं कि माहवारी से जुड़े कुछ ऐसे मिथक है, जिन्हें आज के समय में हम सच मानते है।
कई लोगों का कहना है कि माहवारी के दौरान शरीर से निकलने वाला खून अशुद्ध होता है। लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल परे है। माहवारी के दौरान बहने वाला खून सामान्य खून की तरह ही होता है। माहवारी में खून के साथ कुछ टिश्यू भी शरीर के बाहर आते हैं, जो माहवारी के खून को थोड़ा बदल देते है। इसके अतिरिक्त ऑक्सीडेशन के कारण उसके रंग में भी थोड़ा बदलाव आता है जिससे सामान्य खून की तुलना में इसका रंग गाढ़ा होता है।
कई लोगों के मुताबिक माहवारी के दौरान एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। पीरियड्स में एक्सरसाइज करने से दर्द बढ़ सकता है। यह गलत है, विशेषज्ञ के अनुसार एक्सरसाइज से पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। पीरियड्स में बॉडी से निकलने वाले खून से पेट दर्द, पैर दर्द, कमर दर्द की शिकायत ज्यादा आती है। जिससे लोगों का ऐसा मानना है कि पीरियड्स के वक्त ज्यादा आराम करना चाहिए। एक्सरसाइज से दर्द बढ़ सकता है, लेकिन इसके विपरीत एक्सरसाइज से दर्द से आराम मिलता है।
एक मिथक यह है कि पीरियड्स के समय महिलाएं प्रेग्रेंट नहीं हो सकती है। यह पूरी तरीके से सच नही है क्योंकि अगर माहवारी का चक्र सही नहीं हो तो माहवारी के दौरान बने शारीरिक संबंध से प्रेग्रेंसी की संभावना बनी रहती है।