पटना : आज देश ‘वर्ल्ड ब्लड डोनेट डे’ मना रहा है। लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इसे हर साल मनाया जाता है। आज देश के तमाम जगहों पर ब्लड डोनेट कैंप लगाए गए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। आज वर्ल्ड ब्लड डोनेट डे […]
पटना : आज देश ‘वर्ल्ड ब्लड डोनेट डे’ मना रहा है। लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इसे हर साल मनाया जाता है। आज देश के तमाम जगहों पर ब्लड डोनेट कैंप लगाए गए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
हर साल 14 जून को ‘वर्ल्ड ब्लड डोनेट’ के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. इसी दिन नोबेल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर का बर्थडे भी मनाया जाता है. कार्ल लैंडस्टेनर एक वैज्ञानिक थे. जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम रिसर्च किया था. इनकी रिसर्च से पहले यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप की सूचना के बगैर किया जाता था. रक्तदान को महादान भी कहा जाता है. इसलिए हर जगह ब्लड डोनेशन को प्रोत्साहित किया जाता है। इस खास दिन पर देश के कोने कोने में ब्लड कैंप लगाएं गए हैं.
अगर आप रक्त दान करना चाहते हैं तो आपकी ऐज 18 से 65 के बीच होनी चाहिए. वहीं वजन कम से कम 46 किलो के आसपास होना अनिवार्य है. वहीं आपके अंदर हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम होना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति ब्लड डोनेट करना चाहता है तो उसके पहले उसके कुछ टेस्ट करवाए जाते हैं. टेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक से यह तय किया जाता है कि व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है या नहीं?
अगर आप हेल्थी है तो हर तीन माह पर ब्लड डोनेट कर सकते हैं. जिन लोगों की हीमोग्लोबिन 12 से कम होती है. उन्हें ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित या किसी इंफेक्शन से जूझ रहा हैं और एंटीबायोटिक्स ले रहा हैं तो उन्हें भी ब्लड डोनेट करने से बचना चाहिए। 2 माह या 56 दिन में एक बार रक्तदान करें. ऐसा उनकी हेल्थ और सुरक्षा के लिहाज से अच्छा बताया गया है.
अगर आपको हाई या लो ब्लड प्रेशर की बीमारी हैं तो आप ब्लड डोनेट करने से बचें। टीबी के मरीज भी ब्लड डोनेट करने से बचें। क्योंकि ऐसा कहा गया है कि यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल जाती है. एड्स के मरीजों को भी ब्लड डोनेट करने से बचना चाहिए। इसलिए ब्लड डोनेट करने से पहले मरीज का ब्लड टेस्ट करवाया जाता है ताकि रक्त दान करने वाले को कोई बीमारी तो नहीं है.