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आज है International day for biological diversity, जानें क्या है इस बार की थीम?

पटना । जैव विविधता के संरक्षण के महत्व और जरूरत को समझते हुए नागरिकों और हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए देशभर में हर साल 22 मई को अंतरार्ष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस(International day for biological diversity ) बनाया जाता है। जैव विविधता( biological diversity) हमारे ग्रह पर जीवन का जटिल जाल है। जो […]

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  • May 22, 2024 9:43 am IST, Updated 11 months ago

पटना । जैव विविधता के संरक्षण के महत्व और जरूरत को समझते हुए नागरिकों और हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए देशभर में हर साल 22 मई को अंतरार्ष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस(International day for biological diversity ) बनाया जाता है। जैव विविधता( biological diversity) हमारे ग्रह पर जीवन का जटिल जाल है। जो वर्तमान और भविष्य के मानव कल्याण का आधार है। जैव विविधता में तेजी से गिरावट आ रही है। जो पर्यावरण और मनुष्य दोनों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। इस बार का विषय ”योजना का हिस्सा बनें” है।

पृथ्वी को पारिस्थिकतिक तंत्र से जोड़ने का काम

जैव विविधता जीवन का मसाला है जो को पृथ्वी को पारिस्थितिक तंत्र से जोड़ने का काम करता है। यह कठिन मुद्दा केवल एक देश की समस्या नहीं है। बल्कि पूरे विश्व भर की है। इस मुद्दे पर दुनिया के वैज्ञानिक और नीति निर्माताओं की बढ़ती रुचि की ओर ध्यान आकर्षित कर रहा है। 1985 में वाल्टर जी. रोसेन ने बोला है कि “जैव विविधता का तात्पर्य पृथ्वी पर जीवन की विविधता और इससे बनने वाले प्राकृतिक पैटर्न से है “। इस महत्वपूर्ण दिन का उद्देश्य जैव विविधता के मुद्दों के बारे में समझ एवं जागरूकता को बढ़ाना है ।

biological diversity का इतिहास और महत्व

अतरार्ष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस(IDB) की स्थापना 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी। जैव विविधता के मुद्दों की समझ और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 22 मई को IDB को मनाया जाता है। IDB की स्थापना को जैव विविधता, मानव जीवन और कल्याण के लिए आवश्यक माना जाता है। biological diversity मनुष्य को भोजन, आश्रय और अन्य सभी जरूरी संसाधन प्रदान करते है। यह हमारी जलवायु को भी नियंत्रित करता है। यह हमारे पानी को शुद्ध करता है। परंपरागत सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करता है। IDB की रक्षा की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है। आरक्षण और पुनर्स्थापन परियोजनाओं में निवेश करके पारिस्थितिक तंत्र की बहाली के लिए अपना समर्थन दे सकते है। नई प्रजातियों के उद्भव के प्रयास कर सकते है।


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