पटना। लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। साथ ही देश में राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। ऐसे में चुनावी तैयारियों के बीच जनसुराज पदयात्रा के सूत्रधार एंव चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर(Prashant Kishor) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन की रणनीति पर सवाल उठाया। साथ ही […]
पटना। लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। साथ ही देश में राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। ऐसे में चुनावी तैयारियों के बीच जनसुराज पदयात्रा के सूत्रधार एंव चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर(Prashant Kishor) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन की रणनीति पर सवाल उठाया। साथ ही उन्होंने ये दावा किया कि बीजेपी दक्षिण के राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करेगी और ज्यादा सीटें जीतेगी।
वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि आपकी लड़ाई उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में है लेकिन आप मणिपुर और मेघालय का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में आपको सफलता कैसे मिलेगी? अगर आप यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में नहीं जीते तो वायनाड से जीतने से कोई फायदा नहीं होगा। अमेठी चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय गलत साबित होगा, इससे गलत संदेश जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा, राहुल गांधी पिछले 10 साल से पार्टी के लिए रिजल्ट लाने में असमर्थ रहे हैं। इसके बावजूद वे न तो दूसरों को मौका दे रहे हैं और न ही खुद हट रहे हैं। जब आप पिछले 10 साल से एक ही काम कर रहे हैं और उसमें कोई सफलता नहीं मिली है, तो ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है। उन्हें अगले पांच साल के लिए यह काम किसी और को करने देना चाहिए।
इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, दुनिया भर में अच्छे नेताओं की एक बड़ी विशेषता यह है कि वे जानते हैं कि उनके पास क्या कमी है और वे एक्टिव होकर उन कमियों को दूर करने की दिशा में काम करते हैं। लेकिन राहुल गांधी को ऐसा लगता है कि वह सब कुछ जानते हैं। इस तरह कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता। अगर इस लोकसभा चुनाव में मनमुताबिक रिजल्ट नहीं मिले तो राहुल गांधी को हट जाना चाहिए और दूसरे नेताओं को काम करने देना चाहिए।
इसके अलावा प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस के कई नेता निजी तौर पर स्वीकार करेंगे कि वे पार्टी में कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं। यहां तक गठबंधन की सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे को लेकर जब तक किसी खास से मंजूरी नहीं मिल जाती तब तक कोई फैसला नहीं होता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे वह राहुल गांधी हों, अखिलेश यादव हों या तेजस्वी यादव हों उनकी पार्टी ने भले ही उन्हें अपना नेता स्वीकार कर लिया हो, लेकिन जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया है।