बिहार पुल हादसे के बाद नीतीश सरकार का एक्शन शुरू, इंजीनियर समेत ठेकेदार निलंबित, गडकरी ने ट्वीट कर कहा…

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Nitish government's action started after Bihar bridge accident
Nitish government's action started after Bihar bridge accident

पटना : आए दिन बिहार से पुल गिरने की ख़बर आती रहती है। ताजा मामले में अररिया जिले के बकरा नदी में 12 करोड़ की लागत से परडिया घाट पर बना पुल टूटकर नदी में समा गया. वहीं बिहार में ऐसी घटनाएं के बाद सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज है. विरोधी पार्टी इस मामले को लेकर प्रदेश की नीतीश सरकार को लगातार घेर रहे हैं. वहीं बिहार सरकार ने भी पुल टूटने को लेकर विरोधियों के आरोप को देखते हुए तत्काल जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे के बाद नीतीश सरकार एक्शन लेते हुए इंजीनियर समेत ठेकेदार को निलंबित कर दिया है। वहीं पुल गिरने के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है.

7 दिनों में सभी प्रकार की जानकारी दें

वहीं अशोक चौधरी इस मामले को लेकर कहा कि निर्माणाधीन पुल के ठेकेदार सिराजुर रहमान के ऊपर मामला दर्ज हुआ है। साथ ही उन्हें काली सूची (Black list) में डालने का आदेश भी दिया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए ही मंत्री अशोक चौधरी के आदेश पर मुख्य इंजीनियर पूर्णियां की अध्यक्षता में एक 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन हुआ है. मंत्री द्वारा जांच टीम को उक्त पुल के फाउंडेशन की गहराई, फाउंडेशन, सब्सट्रक्चर एवं सुपर स्ट्रक्चर में प्रयुक्त सामानों की मात्रा, गुणवत्ता, एवं कराये गए कार्य के वर्कमैनशिप की विस्तृत जांच कर समन्तव्य जांच प्रतिवेदन 7 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है.

जरुरत पड़ें तो प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी

दुर्घटना के बाद मंत्री अशोक चौधरी काफी सक्रिय दिख रहे हैं। ऐसे में वो मामले को लेकर कहा है कि जांच के बाद किसी भी स्तर पर दोषी पाये जाने के बाद उन पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित सभी संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी. साथ ही जरूरत पड़ने पर प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी.

मंत्री गडकरी ने ट्वीट करते हुए लिखा

वहीं पुल हादसे को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इसका काम चल रहा था. दर असल बिहार में इस पुल के टूटने पर विरोधी डबल इंजन सरकार पर निशाना साध रहे थे जिसके बाद बिहार से लेकर केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है”.