पटना। राजधानी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डायलिसिस कराने आ रहे मरीजों के लिए एक काम खबर सामने आई है। अस्पताल प्रशासन ने फैसला लिया है कि एक जनवरी से वह डायलसिस में उपयोग होने वाली सभी दवाएं मुफ्त में दी जाएगी। अस्पताल प्रशासन मरीजों के हित में अपने स्तर पर कोशिश कर रहा है। मरीजों […]
पटना। राजधानी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डायलिसिस कराने आ रहे मरीजों के लिए एक काम खबर सामने आई है। अस्पताल प्रशासन ने फैसला लिया है कि एक जनवरी से वह डायलसिस में उपयोग होने वाली सभी दवाएं मुफ्त में दी जाएगी। अस्पताल प्रशासन मरीजों के हित में अपने स्तर पर कोशिश कर रहा है।
अस्पताल दवाओं की खरीदारी कर मरीजों को नि शुल्क में मुहैया कराने जा रहा है। इस मामले में डॉ आइ.एस ठाकुर ने बताया कि किडनी के मरीजों को हो रही परेशानियों से राहत देने के लिए यह कदम उठाया है। इसको लेकर नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष समेत सभी डॉक्टरों को इस संबंध में निर्देश दिए है। डायलिसिस की दवाएं ना होने की वजह से खासकर गरीब मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक एक मरीज को 1500 से 1650 रुपये की दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं।
वहीं पीएमसीएच में रोजमर्रा 30 मरीजों की किडनी का डायलिसिस होता है। ऐसे में 30 मरीज यानि प्रतिदिन 49,500 रुपये की दवाई की खरीदारी होती है। इस तरह से हर महीने लगभग 900 मरीजों को 14 लाख 85 हजार की दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। इतना ही नहीं, कई ऐसे मरीज होते हैं, जिनको एक महीने में 2-3 बार किडनी का डायलिसिस कराना होता है। इस तरह से अगर संख्या जोड़ी जाए तो लगभग 20 लाख रुपये से अधिक की दवाएं खरीदनी पड़ती है। ऐसे में अब प्रशासन की ओर से दवाओं की सप्लाइ होने से मरीजों की परेशानी कम हो सकती है।
पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि डायलिसिस किडनी की गंभीर बीमारी में किया जाने वाला इलाज है। इसकी जरूरत उन लोगों को होती है, जिनकी किडनी काम करना बंद कर देती है या फैल हो जाती है। जिन लोगों को किडनी फेलियर की समस्या होती है, उनकी किडनी रक्त को फिल्टर नहीं कर पाती है। रक्त के फिल्टर नहीं पाने से खून में अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।