CBI: सृजन घोटाले में सीबीआई के हाथ लगी बड़ी सफलता, सतीश झा की हुई गिरफ्तारी

पटना। भागलपुर में हुए चर्चित सृजन घोटाले की जांच अभी जारी है। CBI इस मामले में लगातार जांच कर कार्रवाई कर रही है। इस क्रम में सीबीआई ने मंगलवार को गाजियाबाद से कॉपरेटिव सोसाइटी के ऑडिटर सतीश कुमार झा को गिरफ्तार कर लिया है। सतीश झा साल 2022 से फरार चल रहे थे। उन्हें पकड़ने […]

Advertisement
CBI: सृजन घोटाले में सीबीआई के हाथ लगी बड़ी सफलता, सतीश झा की हुई गिरफ्तारी

Pooja Pal

  • December 18, 2024 3:26 am IST, Updated 2 hours ago

पटना। भागलपुर में हुए चर्चित सृजन घोटाले की जांच अभी जारी है। CBI इस मामले में लगातार जांच कर कार्रवाई कर रही है। इस क्रम में सीबीआई ने मंगलवार को गाजियाबाद से कॉपरेटिव सोसाइटी के ऑडिटर सतीश कुमार झा को गिरफ्तार कर लिया है। सतीश झा साल 2022 से फरार चल रहे थे। उन्हें पकड़ने के लिए सीबीआइ लगातार छापेमारी कर रही थी।

रिमांड लेने के लिए आग्रह किया

सीबीआई का कहना है कि बुधवार को सतीश कुमार झा को पटना में सीबीआइ की खास कोर्ट में पेश किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें रिमांड पर लेने के लिए भी कोर्ट से आग्रह किया जाएगा। सतीश झा कॉपरेटिव सोसायटी, बांका के ऑडिटर थे। इस घोटाले में संलिप्तता कोदेखते हुए सीबीआई ने चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद सतीश झा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, लेकिन वह सीबीआइ की गिरफ्त से बाहर था। इसके बाद सहरसा के बनगांव स्थित सतीश झा के पैतृक गांव में भी सीबीआइ ने जांच-पड़ताल की।

राशि का हिसाब किताब रखते

वहां कुछ जानकारी नहीं मिलने के बाद भागलपुर स्थित अंग विहार अपार्टमेंट में स्थित फ्लैट नंबर 101 में फरवरी, 2022 में सीबीआई ने पैमफ्लैट चिपकाया था। सतीश झा पहले अनुमंडल अंकेक्षण पदाधिकारी थे और ऑडिट के दौरान ही मनोरमा देवी के नजदीक आये थे। अनुमंडल अंकेक्षण पदाधिकारी से रिटायर होते ही मनोरमा देवी ने उन्हें अपनी संस्था में रख लिया। बताया जा रहा है कि सृजन संस्था में वित्तीय कामकाज में सतीश झा की सलाह को मनोरमा देवी अहम मानती थी। वे राशि बंटवारे का हिसाब-किताब रखने का काम भी रखते थे।

Advertisement