पटना। प्रदेश की राजधानी में 14 दिनों से धरने पर बैठे बीपीएससी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेस करके अपनी पांच मांगों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कल सोमवार को हमने बिहार के मुख्य सचिव से मुलाकात की और उनके सामने अपनी मांगे रखी। केंद्र पर री एग्जाम कराने […]
पटना। प्रदेश की राजधानी में 14 दिनों से धरने पर बैठे बीपीएससी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेस करके अपनी पांच मांगों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कल सोमवार को हमने बिहार के मुख्य सचिव से मुलाकात की और उनके सामने अपनी मांगे रखी।
अभ्यर्थियों ने ईओयू पर दिए गए सबूतों के अधार पर कार्रवाई ना करने और छात्रों को परेशान करने का आरोप भी लगाया है। बीपीएससी अभ्यर्थियों ने कहा कि पहली मांग हमने यह रखी की सभी केंद्र पर फिर से री एग्जाम करवाए जाए, क्योंकि केवल एक सेंटर बापू परीक्षा परिसर नहीं है जिसमें पेपर लीक हुआ था। फिलहाज जो एडमिट कार्ड रिलीज हुआ है। वह 20 से 22 केंद्रों के समान है, जो कि 2 से 3 जिलों के बराबर माना है। क्या इस पर आयोग हमें जवाब दे सकता है। अगर 2-3 जिलों में इस तरह का कदाचार हो जाता तो क्या पेपर कैंसिल नहीं करना चाहिए।
दूसरी मांग यह थी कि SOP के मुताबिक हजार से 1200 बच्चों के अनुपात में एक सेंटर सुपरिंटेंडेंट की नियुक्ति होती है, लेकिन बापू परीक्षा परिसर में 18000 बच्चों पर एक सेंटर सुपरिंटेंडेंट की ड्यूटी लगाई थी, उनका भी बयान नहीं लिया गया और वह चल बसे। छात्रों ने 66 वीं बीपीएससी परीक्षा का उदाहरण देते हुए कहा कि उस परीक्षा में 400 छात्र थे। औरंगाबाद परीक्षा केंद्र था। यहां पर 18000 बच्चे हैं। यह समानता के विरुद्ध है। अभियर्थियों ने कहा कि आयोग क्वेश्चन का निर्णय कैसे लेगी? रिजल्ट कैसे घोषित करेगी।
इन्होंने हाल में ही बयान दिया है कि स्केलिंग करेंगे, लेकिन जो नोटिफिकेशन आयोग के माध्यम से निकाला गया उसमें स्केलिंग का जिक्र नहीं किया गया है। खेल के बीच में खेल का नियम चेंज करना जो कि सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से अनुचित नहीं है। अभ्यार्थियों ने आगे कहा है कि जिस तरीके से बर्बरता हमारे छात्रों के साथ की गई है और झूठ का जो एलिगेशन लगाया गया है कि हम लोग उपद्रवी हैं? यह कौन लोग हैं जो कहते हैं।