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सर्दियों में अस्थमा की प्रॉब्लम, ऐसे 3 आयुर्वेदिक इलाज जो देंगे तुरंत राहत

पटना: अस्थमा एक गंभीर श्वसन रोग है। जिसमें श्वसन नली में सूजन आ जाती है। सर्दियां शुरू होते ही सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी बीमार पड़ सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सांस लेने में तकलीफ, खांसी और खांसते समय सीने में दर्द अस्थमा के मुख्य लक्षण हैं। नजरअंदाज न करें बता […]

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  • November 30, 2024 7:54 am IST, Updated 4 months ago

पटना: अस्थमा एक गंभीर श्वसन रोग है। जिसमें श्वसन नली में सूजन आ जाती है। सर्दियां शुरू होते ही सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी बीमार पड़ सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सांस लेने में तकलीफ, खांसी और खांसते समय सीने में दर्द अस्थमा के मुख्य लक्षण हैं।

नजरअंदाज न करें

बता दें कि अस्थमा के लक्षण दिखने पर उसे नजरअंदाज न करें बल्कि सही समय पर इसका इलाज कराएं। अगर अस्थमा का ठीक से इलाज न किया जाए तो इसके लक्षण बढ़ने लगते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ आसान आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। यहां ऐसे आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताया गया है जो अस्थमा के इलाज में मददगार हैं।

तुलसी

तुलसी में कफ को दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके सेवन से श्वास नली में जमा कफ निकल जाता है और श्वास नली की सूजन भी कम होती है. 5-10 तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और जब यह गुनगुना हो जाए तो इसमें शहद मिलाकर पी लें. दिन में एक या दो बार इसे पीने से खांसी से राहत मिलती है और गले में जमा कफ निकल जाता है.

अदरक

अदरक का उपयोग सर्दियों में अधिक किया जाता है। कुछ लोग तो चाय में इसका इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग सब्जियों के स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं। ऐसे में आयुर्वेद का कहना है कि अगर आप कफ से ग्रसित है तो अदरक का इस्तेमाल अधिक करें. यह अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है।

मुलेठी

आयुर्वेद के अनुसार यह खांसी की एक बेहतरीन औषधि है जो गले में कफ जमा होने से रोकती है। मुलेठी में खांसी को शांत करने के गुण होते हैं। यह रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है। यह गले में कफ जमने से रोकता है और खांसी से तुरंत राहत दिलाता है। मुलेठी के पाउडर को शहद या गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से फेफड़ों की समस्याओं से राहत मिलती है।


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