पटना। देशभर में चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। बता दें कि आज छठ का पहला दिन नहाय खाय है। आज के दिन छठ व्रती, गंगा स्नान और भगवान भास्कर की पूजा करते हुए नहाय खाय के साथ छठ की शुरुआत करते हैं। वहीं छठ के पहले दिन नहाय खाय का भी एक विशेष महत्व है। बता दें कि आज के दिन को कद्दू भात भी कहा जाता है।
नहाय खाय पर बनता है विशेष प्रसाद
दरअसल, छठ के पहले दिन नहाय खाय पर कद्दू की विशेष परंपरा होती है। आज के दिन छठ व्रती प्रसाद के रुप में कद्दू का प्रयोग करते हैं। इसके साथ ही अरवा चावल का भात, चना दाल, अगस्त का फूल, नया आलू और फूल गोभी से बनी सब्जी से नहाए खाय के दिन बने प्रसाद को ग्रहण किया जाता है। इस पूरे प्रसाद को बनाने के लिए सेंधा नमक का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च का उपयोग होता है।
छठ के दौरान रखा जाता है स्वच्छता का ध्यान
बता दें कि नहाए खाय के दिन से ही छठ व्रती शुद्धता का पूरा ध्यान रखते हैं। इस बीच प्रसाद बनाने की बात हो या फिर पूजा से जुड़े किसी भी काम की, साफ-सफाई और शुद्धता में कोई कोताही नहीं दिखाई जाती। सभी प्रकार के नियमों का पालन किया जाता है। इस दौरान छठ व्रती या उनके अन्य परिवार के सदस्य गंगा स्नान करने के बाद ही प्रसाद बनाना शुरू करते हैं। यही नहीं गंगा जल घर पर लाकर उसे भी प्रसाद में मिलाया जाता है।
20 नवंबर को देंगे उदयगामी सूर्य को अर्घ्य
वहीं नहाय खाय के दिन पटना के गंगा घाटों पर सुबह से ही छठ व्रतियों की भीड़ लगी हुई है। बता दें कि आज नहाय खाय के बाद कल शनिवार को खरना होगा। इसमें छठ व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर शाम को गुड़ से बनी खीर और रोटी से खरना करेंगे। जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर रविवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद 20 नवंबर यानी सोमवार की सुबह को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।