पटना: बिहार पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने भागलपुर में सक्रिय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह विज्ञापन कंपनी के नाम पर कॉल सेंटर चला रहा था और आकर्षक ऑफर का लालच देकर लोगों को ठग रहा था. पुलिस ने छापेमारी के दौरान 17 लड़कियों और 4 लड़कों को हिरासत में लिया है. गिरफ्तार आरोपियों में से कई पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, जिससे यह मामला अंतरराज्यीय स्तर का होने की आशंका है.
2 लाख 70000 हजार रूपये का धोखाधड़ी
बता दें कि अपराधियों को बड़ी संख्या में अवैध सिम कार्ड ,एटीएम कार्ड, चेक बुक, पासबुक, बाइक, सोने के जेवरात, लैपटॉप रजिस्टर के साथ धरदबोचा है। भागलपुर के सिटी एसपी के रामदास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 19 अक्टूबर को प्रतिबिंब पोर्टल की निगरानी के दौरान एक मोबाइल नंबर संदिग्ध प्रतीत हुआ जिसका लोकेशन भागलपुर पाया गया जिसके विरुद्ध शिकायत देश के अलग-अलग हिस्सों में पाए गए जो लगभग 2 लाख 70000 हजार रुपया साइबर धोखाधड़ी से संबंधित था।
विशेष टीम का गठन कर की गई कार्रवाई
इसके बाद सीनियर एसपी के निर्देश पर साइबर थाना अध्यक्ष अकील अहमद के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन मामले के उद्वेदन को लेकर किया गया। टीम ने बरारी थाना क्षेत्र के मनाली चौक के समीप एक मकान में छापेमारी की ।जहां फर्जी सेल्स एडवर्टाइजमेंट सेंटर से साइबर क्राइम करने के तरीके देखकर पुलिस अचंभित रह गई।
बंगाल का रहने वाला गैंग का मास्टरमाइंड
सीटी एसपी ने बताया कि बंगाल 24 परगना नॉर्थ के रहने वाले राहुल उर्फ जीशान अली जो साइबर ठग गिरोह का मास्टरमाइंड भी है, वह अपनी पत्नी और मित्र मोहम्मद छोटू और छोटू की गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर गिरोह का संचालन कर रहा था, और भागलपुर की भोली भाली लड़कियों को कॉल सेंटर मैं काम करने का लोभ देकर उसे साइबर ठगी के धंधे में लगा देता था।
जिला एसपी ने जल्द कार्रवाई की बात कही
भागलपुर में लगभग 6 महीने से यह गिरोह मौजूद था और अब तक इस गैंग ने देश के अलग अलग हिस्सों से डेढ़ करोड़ रुपया की ठगी कर चुका है, सीटी एसपी ने बताया कि अब तक छह युवतिओं सहित 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। ठग गिरोह में पश्चिम बंगाल, भागलपुर और जमुई के साइबर ठगों की संलिप्ता सामने आई है. जल्द ही साइबर ठग गिरोह के बचे हुए सदस्य सलाखों के पीछे होंगे।