पटना। बिहार (Bihar News) के गोपालगंज में मानव तस्करी के आरोप में होटल संचालक प्रह्नाद सिंह को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि वह थावे इलाके में होटल चलाता है। प्रह्नाद सिंह पर यह आरोप है कि वह लोगों को विदेशों में नौकरी का झांसा देकर गलत वीजा पर कंबोडिया […]
पटना। बिहार (Bihar News) के गोपालगंज में मानव तस्करी के आरोप में होटल संचालक प्रह्नाद सिंह को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि वह थावे इलाके में होटल चलाता है। प्रह्नाद सिंह पर यह आरोप है कि वह लोगों को विदेशों में नौकरी का झांसा देकर गलत वीजा पर कंबोडिया से पाकिस्तान के एजेंट के पास बेच देता था। वहीं गुप्त सूचना के आधार पर सोमवार में आधी रात को एनआईए ने गोपालगंज में छापेमारी की। जिसके बाद आरोपी प्रह्लाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल एनआईए की टीम उससे पूछताछ कर रही है। टीम ने प्रह्नाद सिंह के होटल और घर पर भी छापेमारी की है।
जानकारी के अनुसार, एनआईए को मानव तस्करी के आरोप में बड़ी लीड मिली थी। जिसके आधार पर टीम ने गुरुग्राम से यूट्यूबर बॉबी कटारिया, दिल्ली से नबी आलम, बड़ोदरा से मनीष हिंगू, चंडीगढ़ से सरताज सिंह को गिरफ्तार किया है। बता दें कि टीम को बिहार (Bihar News) के गोपालगंज से प्रह्लाद सिंह के खिलाफ कई साक्ष्य मिले थे। जिसके बाद बीते सोमवार को आधी रात में छापेमारी कर प्रह्लाद सिंह को गिरफ्तार किया गया।
दूसरी तरफ शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि यह इंटरनेशनल स्तर पर साइबर ठगी का बड़ा गिरोह हो सकता है। दरअसल, शिकायतकर्ता ने बताया कि जिस चाइनीज कंपनी में उन्हें बंधक बनाकर साइबर ठगी के लिए मजबूर किया गया वहां करीब 150 भारतीय इसी प्रकार मानव तस्करी करके लाए गए थे। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। बता दें कि आरोप है कि उनमें से ज्यादातर को बॉबी कटारिया जैसे दलालों ने नौकरी का झांसा देकर मानव तस्करी करके भेजा है।
जानकारी दी गई है कि मानव तस्करी की जांच में अलग-अलग राज्य में आठ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें यूट्यूबर बॉबी कटारिया पर भी मानव तस्करी का आरोप लगा था। कटारिया पर यूपी मूल के दो युवकों से लाखों रुपये लेकर उन्हें चीन की कंपनी में ले जाने का आरोप है। साथ ही यह भी आरोप है कि करीब 150 भारतीय इसी प्रकार मानव तस्करी करके लाए गए थे। जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।
इसके अलावा एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि युवाओं को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजा जाता था। यही नहीं, उन पर लाओस, गोल्डन ट्राइंगल और कंबोडिया में फर्जी कॉल सेंटरों में दबाव बनाया जाता था। जिसके जरिए क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, हनी ट्रैप जैसे अवैध काम हो रहे थे। यह आरोप भी लगाया गया है कि यह लोग नौकरी का झांसा देकर युवाओं को पाकिस्तान के एजेंट के हाथों बेच भी देते थे।