World Aids Day: एड्स के मरीजों में दिखते है ये शुरुआती लक्षण, स्तनपान से भी बीमारी का खतरा

पटना: एड्स एक गंभीर बीमारी है जिसका नाम ही डराने के लिए काफी है। यह एक लाइलाज बीमारी है. दुनिया भर में एड्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। एचआईवी से होने वाली इस बीमारी के प्रति जागरूकता और रोकथाम के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। AIDS DAY […]

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World Aids Day: एड्स के मरीजों में दिखते है ये शुरुआती लक्षण, स्तनपान से भी बीमारी का खतरा

Shivangi Shandilya

  • December 1, 2024 8:04 am IST, Updated 3 weeks ago

पटना: एड्स एक गंभीर बीमारी है जिसका नाम ही डराने के लिए काफी है। यह एक लाइलाज बीमारी है. दुनिया भर में एड्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। एचआईवी से होने वाली इस बीमारी के प्रति जागरूकता और रोकथाम के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

AIDS DAY क्यों मनाया जाता?

AIDS DAY मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और सावधानियां बरतना है। तो आइए जानते हैं कि एड्स की बीमारी कितनी खतरनाक है, एड्स के शुरुआती लक्षण क्या हैं और इसका इलाज कब शुरू करना चाहिए।

जानें क्या है एड्स?

एड्स एचआईवी वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है और शरीर की क्षमता को कमजोर करता है। यौन संचारित संक्रमणों के अलावा इस संक्रमण का खतरा संक्रमित रक्त चढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति को दिए गए इंजेक्शन के इस्तेमाल, गर्भावस्था या स्तनपान के माध्यम से भी मां से बच्चे में देखा जा सकता है।

एड्स का खतरा सबसे ज्यादा किसे है

  1. असुरक्षित यौन संबंध बनाने से कोई भी व्यक्ति एचआईवी की चपेट में आ सकता है।
  2. संक्रमित व्यक्ति से खून लेने पर संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  3. संक्रमण गर्भावस्था या प्रसव के दौरान या स्तनपान के दौरान संक्रमित मां से उसके बच्चे में फैल सकता है। गर्भावस्था के दौरान एचआईवी टेस्ट के माध्यम से इस जोखिम को कम करने का प्रयास किया जा सकता है।

एड्स के लक्षण

  1. एचआईवी संक्रमण या एड्स की पुष्टि रक्त परीक्षण से होती है। हालांकि, इसे कुछ लक्षणों के जरिए भी पहचाना जा सकता है।
  2. एचआईवी से संक्रमित लोगों को वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 2-4 सप्ताह के भीतर फ्लू जैसी बीमारी होने लगती है। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गले और मुंह में घाव और वजन कम होना भी इस बीमारी के लक्षण माने जाते हैं।
  3. अगर समय रहते इस बीमारी पर ध्यान न दिया जाए तो खून में वायरल लोड बढ़ जाता है, जिससे यह बीमारी खतरनाक हो सकती है।
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