पटना। भारत अभी भी चीजों की बिक्री से ज्यादा उन्हें खरीदने पर ध्यान दे रहा है। इसी के चलते जनवरी में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 22.9 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर में यह 21.94 अरब डॉलर था। रुपये की गिरती कीमत के कारण आयात का बिल बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। व्यापार घाटे […]
पटना। भारत अभी भी चीजों की बिक्री से ज्यादा उन्हें खरीदने पर ध्यान दे रहा है। इसी के चलते जनवरी में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 22.9 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर में यह 21.94 अरब डॉलर था। रुपये की गिरती कीमत के कारण आयात का बिल बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। व्यापार घाटे का मतलब है कि हम जितना सामान निर्यात करते हैं, उससे ज्यादा सामान देश में आयात करते हैं।
इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल से जनवरी तक भारत का निर्यात 1.39% बढ़कर 358.91 अरब डॉलर हो गया। वहीं, आयात 7.43% बढ़कर 601.9 अरब डॉलर हो गया। यानी हमने ज्यादा सामान बाहर बेचा, लेकिन उससे कही ज्यादा आयात करते हैं। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत का सामान और सेवाओं का निर्यात बहुत अच्छा चल रहा है। उन्होंने आगे बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात को आगे बढ़ा रहे हैं। उसके बाद दवाइयां, फार्मास्युटिकल्स और चावल का नंबर आता है।
हम इलेक्ट्रॉनिक सामान, दवाइयां, और चावल ज्यादा बेच रहे हैं। जनवरी में भारत ने 36.43 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया। वहीं दिसंबर में यह 38.01 अरब डॉलर था। जनवरी में आयात 59.42 अरब डॉलर का था, जो दिसंबर में 59.95 अरब डॉलर हो गया था। जनवरी में हमने दिसंबर के मुकाबले कम सामान बेचा और ज्यादा सामान खरीदा। जनवरी में भारत का सोने का आयात घटकर 2.68 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले महीने 4.7 अरब डॉलर था। कच्चे तेल की खरीदारी भी दिसंबर के 15.2 बिलियन डॉलर से घटकर जनवरी में 13.4 अरब डॉलर रह गया।
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने बताया था कि भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 37.84 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में सोने के आयात के आंकड़ों में परिवर्तन के बाद इसे 32.84 अरब डॉलर कर दिया गया। सोने के आयात में कमी से व्यापार घाटे में कमी आई। सोने की बढ़ती कीमतों ने मांग को कम कर दिया है। दुनिया भर में अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे सोना महंगा हो गया है। वहीं रुपये की गिरती कीमत ने भारत की व्यापारिक समस्याओं को बढ़ा दिया है।