पटना. पटना से एक चौंका देने वाली ख़बर सामने आई है। राजधानी के स्ट्रीट डॉग अचानक हिंसक बन गए हैं. यहां कुत्ते लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे है। कुत्ते से शिकार हुए लोगों की संख्या शहर में लगातार बढ़ती ही जा रही है. यह मामला अब चिंताजनक बन गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के […]
पटना. पटना से एक चौंका देने वाली ख़बर सामने आई है। राजधानी के स्ट्रीट डॉग अचानक हिंसक बन गए हैं. यहां कुत्ते लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे है। कुत्ते से शिकार हुए लोगों की संख्या शहर में लगातार बढ़ती ही जा रही है. यह मामला अब चिंताजनक बन गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पटना जिले में रोजाना औसतन 400 लोग कुत्ते के शिकार हो रहे हैं. अकेले पटना शहर में रोजाना 150 से 200 लोग सरकारी हॉस्पिटल में एंटी-रेबिज सुई लगवाने पहुंच रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो प्रचंड गर्मी और खाने-पीने की कमी के कारण से कुत्तों में आक्रामकता बढ़ी हुई है. इससे वो अधिक हिंसात्मक होते जा रहे है और वे इंसानों को अपना शिकार बना रहे हैं.
इस मामले को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि स्ट्रीट डॉग शहर में पड़ रही भीषण गर्मी से बेहाल है। इस वजह से वो लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इन दिनों कुत्ते को छायादार जगह नहीं मिल पा रही है, जहां वे आराम कर सकें. छायादार जगहों पर ऑटो चालकों से लेकर सामान्य लोगों ने कब्जा कर लिया है. कुत्तों को पीने का पानी भी सही से नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में कुत्ते कुछ हिंसक होते जा रहे हैं. अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक यह पता चलता है कि पिछले तीन वर्ष में यह संख्या डबल हो गई है.
एक्सपर्ट ने बताया कि कुत्तों की अक्रामकता इतनी बढ़ती जा रही है कि ये एक-डेढ़ साल के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को अपना शिकार बनाने लगे हैं. जिला टीकाकरण पदाधिकारी कार्यालय से मिली सूचना के मुताबिक साल 2021-22 में जिले में 97 हजार 700 एंटी रेबिज वैक्सीन की खपत हुई थी. 2022-23 मेंयह बढ़कर एक लाख 17 हजार 707 हो गई. वहीं 2023-24 में (मार्च तक) यह संख्या बढ़कर एक लाख 93 हजार 610 पर पहुंच गई. कुत्ता काटने पर एक युवक को तीन से पांच डोज सुई लगाई जाती है. ऐसे में पटना में हर वर्ष 45 से 50 हजार लोग कुत्ते काटने के शिकार हो रहे हैं।