पटना: बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले में लैला 50 रुपये और मजनू 50 रुपये में बिक रहे हैं. मेले में मिलने वाला लैला-मजनू लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. सवाल उठ रहा है कि आखिर ये लैला-मजनू क्या है जो इतने सस्ते में मिल रहा है? बता दें कि सोनपुर कृषि प्रदर्शनी मेला […]
पटना: बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले में लैला 50 रुपये और मजनू 50 रुपये में बिक रहे हैं. मेले में मिलने वाला लैला-मजनू लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. सवाल उठ रहा है कि आखिर ये लैला-मजनू क्या है जो इतने सस्ते में मिल रहा है? बता दें कि सोनपुर कृषि प्रदर्शनी मेला है, जहां इस बार लैला मजनू के पौधे 100 रुपये में मिल रहे हैं। हालांकि, यहां का सबसे कीमती पौधा ऑस्ट्रेलियाई बांस है, जिसकी कीमत 55,000 रुपये बताई गई है। सबसे खास बात यह है कि मेले घूमने आए क़ृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने भी इस लैला-मजनू पौधे को खरीदा है।
बता दें कि बिहार की नीतीश सरकार इन दिनों जल, जीवन और हरियाली के मिशन पर काम कर रही है. इस पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. मेले में लैला-मजनू एक ऐसा पौधा है जो बिना किसी प्रचार-प्रसार के लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस पौधे को क़ृषि मंत्री द्वारा खरीदने के बाद उनके PA ने कहा कि यह पौधा हर किसी को लगाना चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ मेले में प्रदर्शनी लगाने वाले रामदेव चौरसिया ने बताया कि यह पौधा काफी खूबसूरत है. पिछले कई सालों से मेले में आने वाले नवविवाहित जोड़े और प्रेमी जोड़े इसे खरीदते हैं और एक-दूसरे को गिफ्ट करते हैं। पौधों के जानकारों की मानें तो इस पौधे को घर में लगाने से दंपति के बीच लैला-मजनू जैसा प्रेम उमड़ता है। यही कारण है कि सोनपुर मेला में लगे नर्सरी में इस पौधे की जबरदस्त डिमांड है।
इस पौधे की कीमत 250 से लेकर 500 रुपये तक है। कहते हैं कि इसे घर के बाहर या अंदर लगाने से घर के सदस्यों के बीच अपनापन बना रहता है। जिस कारण मेला में आने वाले लोग इसकी जमकर खरीदारी कर रहे हैं शायद यही वजह है कि इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। हल्के लाल रंग का यह छोटा पौधा कॉटन की ही एक वैरायटी है। लेकिन इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
इस पौधे में सिर्फ पत्ते ही होते हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है कि लैला मजनू के पौधे में लगे पत्ते उपर से बिल्कुल हरे और निचले सतह से लाल होते हैं। एक पत्ते में दो रंग देखकर हर कोई आश्चर्य व्यक्त करते हैं।