Thursday, September 19, 2024

Bihar Reservation: नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट का झटका, ये आरक्षण हुए खत्म

पटना : पटना हाईकोर्ट की तरफ से आरक्षण के मुद्दे पर बिहार की नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है. पटना हाईकोर्ट ने ईबीसी, एससी और एसटी के लिए 65 परसेंट आरक्षण बढ़ाने के सरकारी निर्णय को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने प्रदेश में सरकारी नौकरी और उच्च शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में जाति आधारित आरक्षण बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने वाले कानून को ख़ारिज करते हुए राज्य सरकार को झटका दिया है.

महागठबंधन की सरकार में बढ़ाया गया था आरक्षण

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार ने जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर OBC , EBC , दलित और आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाकर 65 परसेंट कर दिया था. आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (सवर्ण) को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण को मिलाकर बिहार में नौकरी और दाखिले का कोटा बढ़कर 75 फीसदी था.

यूथ फॉर इक्वैलिटी संगठन ने दायर किया था याचिका

हालांकि यूथ फॉर इक्वैलिटी नाम के संगठन ने पटना हाईकोर्ट में इस आरक्षण के मुद्दे को लेकर चुनौती दी थी. उसके अपील पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने आरक्षण बढ़ाने वाले इस कानून को ख़ारिज करते हुए प्रदेश की नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया है. गौरव कुमार समेत कुछ और याचिकाकर्ताओं ने आरक्षण के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 11 मार्च को सुनावाई होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. जिसे आज गुरुवार, 20 जून को कोर्ट की तरफ से सुनाया गया. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस मामले पर लंबी सुनवाई की थी. जिसके बाद आज कोर्ट का फैसला सामने आया है। जिसमें कोर्ट ने 65 परसेंट आरक्षण को रद्द कर दिया है.

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